द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर। सिहोरा सुखद दांपत्य अखंड सौभाग्य की कामना के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा भाद्र पक्ष की तीज को मनाया जाने वाला हरितालिका तीज व्रत के दिन प्रातः काल महिलाओं ने स्नान कर निर्जला व्रत रखा। शाम को घर के घर में पांच फूलो का हार भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियो का प्रतीक फुलेहरा बांधकर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की एवं रात भर भजन कीर्तन व नृत्य किया
व्रतधारी महिलाओं द्वारा 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर शनिवार सुबह व्रत का पारायण करेंगी। बताया जाता है की माता पार्वती ने कई जन्म तक हिमालय के गंगा के तट पर भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए निर्जला रहकर लंबी तपस्या की थी माता पार्वती ने गंगा के तट पर रेत का शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए घोर तपस्या की थी माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती को अपने पत्नी के स्वरूप में स्वीकार किया था। इसी कारण महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु अखंड सौभाग्य के लिए एवं कुंवारी लड़कियों द्वारा अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखा जाता है।