द न्यूज 9 डेस्क। जबलपुर ।सिहोरा। सिहोरा नगर पालिका के उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी द्वारा गत कई दिनों से संबल योजना के नाम पर हिग्राहियों से मोटी रकम हड़पने और सुनहरा कल वेलफेयर फॉउडेशन से रिश्व्त का खेल खेला गया जिसका खुलासा होने के बाद नगर पालिका में हडकंप की स्थिती रही है। और सिहोरा नगर में चर्चा है की मामला उजागर होने के 4 माह बाद भी प्रशासन द्वारा उच्च कुशल श्रमिक के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं कि गई, गौरतलब है की मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा स्पष्ट शब्दो मे कहा गया है की जो भी गलत करेगा उसे बख्सा नहीं जायेगा तो फिर इस उच्च कुशल श्रमिक के खिलाफ कार्यवाही में लेटलतीफी और लीपापोती क्यों ?
क्या है पूरा मामला ?
मामला जबलपुर जिले की नगर पालिका परिषदृ सिहोरा का है जहाँ पर लगभग साढ़े 12 हजार रुपये की वेतन पाने वाले नगर पालिका के उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी के कारनामें सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे दरसअल यह उच्च कुशल श्रमिक ज्यादातर एक चमचमाती कार से ऑफिस आता था साथ ही इस कर्मी के कारनामे इतने बुरे होंगे की कोई सोच नहीं सकता,लेकिन लगभग 4 माह पूर्व नगर पलिका सिहोरा के वार्ड नंबर 7 के भाजपा के पार्षद जवाहर कोल ने इस कुशल श्रमिक के काले कारनामों के काले चिठ्ठे खोलकर रख दिये है।और जब अधिकारियों ने कर्मचारी का बैंक स्टेटमेंट चौक किया उनके होश उड़ गए कर्मचारी ने संबल योजना के हितग्राहियों के अलावा, सुनहरा कल वेलफेयर फांउडेशन के ए एएल एफ की 400 महिला सदस्यों को 7500 रू के मान से एएलएफ के मॉड्यूल के अन्तर्गत प्रशिक्षण राशि 30 लाख रुपये दिलवाने की एवज में 9 लाख 50 हजार रुपये घूस भी ली गई जो सीधे कर्मचारी के खाते में सुनहरा कल वेलफेयर फॉंउडेशन द्वारा ट्रांसफर किये गए थे।
पकड़ी गई घोटालेबाजी तो क्या घोटालेबाज नहीं हैं कर्मचारी
नगर पालिका सीएमओ जय श्री चौहान से जब इस पूरे मामले में चर्चा की गई तो उन्होने जानकारी में बताया की उक्त कर्मचारी द्वारका कोरी ने सुनहरा कल से ली गई रिश्वत की रकम वापस कर दी है। और कुछ हितग्राहियों के पैसे भी वापस कर रहा है। तो क्या ऐसे में उस घोटालेबाज कर्मचारी पर काई कार्यवाही नहीं बनती और जब कर्मचारी द्वारा इस तरीके का कार्य किया गया तो नगर पालिका सिहोरा एफआईआर कराने से क्यों बचता रहा । क्या किसी भारी राजनितिक दबाव में अधिकारियों को कार्य करना पड़ता है जो एफआईआर कराने पर नगर पालिका प्रशासन के हाथ पैर फूल रहे थे। और कार्यवाही के नाम पर भी नगर पालिका प्रशासन हांफता नजर आ रहा था।
कब होगी कार्यवाही ?
वहीं मामला उजागर होने के बाद नगर पालिका सिहोरा में प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक हुई थी जिसमें वार्ड नंबर 7 के पार्षद जवाहर कोल के लिखित आरोप पर आनन-फानन में संबंधित उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। साथ ही उसके खिलाफ लगाए आरोप की जांच करने और जांच में सत्यता पाए जाने पर कर्मी के खिलाफ एफआईआर करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था।यह बैठक नगर पालिका अध्यक्ष संध्या दिलीप दुबे की अध्यक्षता सदस्य पार्षद बेबी विनय पाल लीला सुप्पी बर्मन जवाहर कोल अंकुश नायक एवं शारदा बर्मन की उपस्थिति में प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक हुई थी।उसके बाद नगर पालिका सीएमओ जय श्री चौहान द्वारा अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन तैयार कर जबलपुर कलेक्टर के यहां भेजा गया था जिसकी जांच अपर कलेक्टर मिशा सिंह कर रहीं थीं अब देखना होगा कि कर्मी को उसके कारनामों की सजा कब तक मिलती है ?
मोटी रकम लेकर ऐसे पहुँचाया गया अपात्रों को लाभ
वहीँ आरोप है की वार्ड नंबर 7 के अपात्र हितग्राहियों को उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी ने मोटी रकम लेकर संबल योजना का लाभ दिलवाया गया।पहला मामला गढ़िया महोल्ला निवासी शिब्बू खंगार का है जिसकी हत्या हुई थी लेकिन हत्या के केस को हादसा बनाकर शिब्बू के पिता सुरेंद्र ठाकुर को अनुग्रह राशि चार लाख स्वीकृत की गई और 4 लाख रुपयों में से द्वारका कोरी द्वारा डेढ़ लाख रुपए लिए गए। इसी तरह वर्षा बर्मन को स्वीकृत दो लाख रुपए में से कर्मी ने 85 हजार रुपए ले लिए।तीसरे मामला में मान बाई कोरी की सामान्य मृत्यु होने पर दो लाख रुपए की स्वीकृति हुई जबकि स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद कोरी एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी है,दुलीचंद की पत्नी मान बाई कोरी की पूरी राशि उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी ने अपने खाते में ही ले ली थी,बताया जा रहा है की श्रीमती मान बाई उच्च कुशल श्रमिक द्वारका कोरी की माँ थीं, एक तो स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद सरकारी कर्मचारी थे उस वजह से भी ये संबल योजना के लिए अपात्र हितग्राही थे तो वहीं संबल राशि स्वर्गीय मान बाई के पति दुलीचंद कोरी के खाते में न डालकर कर्मचारी द्वारका कोरी के खाते में ही डाल दी गई ।जबकि पात्र हितग्राही में गुड्डी बाई कोल एवं रज्जू कोल के आवेदन पत्र कर्मचारी ने अस्वीकृत करवा दिए थे।
इनका कहना है
प्रतिवेदन मेरे समक्ष आ चुका है, और जांच भी की जा चुकी है। जल्द ही आगामी कार्यवाही के लिए कलेक्टर साहब के पास भेजा जायेगा, और कलेक्टर साहब द्वारा ही कार्यवाही की जाएगी।
मिशा सिंह अपर कलेक्टर जबलपुर ,