सच की आवाज़.

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सिहोरा में अनोखे डॉक्टर का अनोखा अस्पताल। बस भगवान पर भरोसा रखना

 द न्यूज़ 9 डेस्क जबलपुर।सिहोरा।  डॉक्टर को भगवान का स्वरूप माना जाता है और डॉक्टर का पेशा भी लोगों का जीवन बचाने का है परंतु उस विद्या में जब निपुण हो तो सटीक और सही इलाज मरीज की जिंदगी भी बचाता है, और नहीं तो सब खत्म भी कर देता, वहीं दूसरी तरफ कोरोनावायरस जैसी भीषण महामारी ने सभी की अग्नि परीक्षा ले ली और जनजीवन भी अस्त-व्यस्त कर दिया और इसका फायदा उठाया कुछ डॉक्टरों ने जो थे तो कुछ और परंतु कर कुछ और रहे थे।


यह पूरा वाक्या जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील का है, जहां एक ऐसा डॉक्टर भी है जो ऊपर से तो दांत के डॉक्टर की पढ़ाई करके आया है, वह भी बाहर से परंतु इस डॉक्टर को महारत हासिल हो गई दांतो का इलाज करते करते और फिर क्या था। सिहोरा के शासकीय अस्पताल के पास सजा दी दुकान फुल फोकसबाजी और टीमटाम के साथ और अलग-अलग डाक्टरों के बोर्ड भी टांग दिए गए, और फुल फ्रेश ड्रामा चालू और फिर क्या था, दिनोंदिन डॉक्टर साहब ने भिन्न-भिन्न प्रकार की सुविधाएं भी बढ़ाई और अब पता चला कि मुख और दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर साहब एक्स-रे सोनोग्राफी सर्दी खांसी बुखार के साथ साथ किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज कर लेते हैं और आप गिर जाओ एक्सीडेंट हो जाए तो डॉक्टर साहब प्लास्टर भी बांध देंगे परंतु एक बात ध्यान जरूर रखिएगा आप ठीक होंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी वारंटी नहीं है। क्योंकि दांत के डॉक्टर हैं साहब और कुछ ऊपर नीचे हो जाए तो आप चुपचाप मुंह बंद करके चले जाना।  क्यों? इस क्यों का भी जवाब है क्योंकि आप हम इस डॉक्टर साहब का कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इन डॉक्टर साहब की ऐसी सेटिंग है कि इनको डर नहीं है कि कोई इनका कुछ कर भी सकता।


दिखावे के लिए टंगे अलग-अलग डॉक्टरों के बोर्ड
शासकीय अस्पताल रोड पर खुली इस डॉक्टर की दुकान की फोकस बाजी देखकर आप भी दंग रह जाएंगे और दो मिनट सदमे में चले जाएंगे और फिर जब गौर से देखेंगे तो अलग-अलग डॉक्टरों के बड़े-बड़े साइन बोर्ड अलग-अलग विद्याओं में महारत के साथ और आप डॉक्टर को जानते तो नहीं फिर क्या अंदर गए तो जाल में फंसे मीठी मीठी बातों में आपका नाम लिखकर नंबर लगा दिया जाएगा। फिर किसने आपका इलाज किया किसने आपकी टूटी हड्डी जोड़ी या बैंड कर दी और प्लास्टर बांधा आपको खुद पता ना चलेगा और जब पता चलेगा जब हाथ या पैर की हड्डी गलत जुड़ जाएगी और हाथ पैर मुड़ना बंद हो जाएंगे। फिर आप ढूढ़ेगे हड्डी वाले डॉक्टर को और वहां पता चलेगा कि दांत के डॉक्टर ने प्लास्टर बांधकर आपको जिंदगी भर के लिए विकलांग बना दिया। फिर आप उस डॉक्टर को कोसने और गाली देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते।

पढ़ाई दांत और मुख रोगो की परंतु चल कुछ और रहा है
पूरा मामला सिहोरा के एक निजी अस्पताल के एक डॉक्टर का है जिसने अपनी पढ़ाई दांत और मुख रोग विशेषज्ञ के रूप में की परंतु इनके खुले टीमटाम और पूरी फोकस बाजी वाले अस्पताल में आप किसी भी बीमारी और कैसी भी बीमारी का इलाज कराने जाएंगे तो निराश नहीं होंगे क्यों ? क्योंकि डॉक्टर साहब आप का इलाज जरूर करेंगे, वह अलग बात है कि उन से बने ना बने, आप ठीक हो या ना हो परंतु इलाज जरूर होगा, और इलाज के बाद आप ठीक होते हैं, या शांत होते हैं, इसकी कोई गारंटी नहीं है, बस आप भगवान पर भरोसा रखना,।

एक मरीज के साथ हुई विचित्र घटना

नाम न छापने की शर्त पर एक मरीज ने बताया यह विचित्र घटना उस मरीज के साथ जब हुई जब उसका एक्सीडेंट हो गया तो वह मरीज दांत के डॉक्टर के पास पहुंचा तो उस मरीज का एक्स-रे करके प्लास्टर बांध दिया गया वहां से मरीज इलाज कराकर घर चला गया जब उसे तकलीफ हुई तो उसे पता चला कि मुख और दंत रोग विशेषज्ञ ने उसकी हड्डियों को जोड़ने का इलाज किया है ऐसे में तकलीफ स्वाभाविक है, फिर क्या था बेचारा मरीज हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास पहुंचकर अपना इलाज कराया तब सही इलाज हुआ और मुख वाले डॉक्टर कोसते नजर आया।

जिम्मेदारों की आंख पर बंधी पट्टी

सिहोरा में इन दोनों झोलाछाप डॉक्टरों के साथ साथ यह खेल भी तेजी से चल रहा है कि आप हर मर्ज का इलाज कर सकते हैं क्यों ? क्योंकि यहां देखने सुनने वाला कोई नहीं है जिम्मेदारों और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों को खुद दिखाई नहीं देता तो भी क्या कार्यवाही करेंगे क्योंकि उनकी आंख में तो पट्टी बंधी है कार्यवाही की जब बात आती है तब इन अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगते हैं और इतना कहकर कन्नी काट लेते है कि समय नही है अभी कोरोना में ड्यूटी लगी है जैसे ही आदेश आएगा वैसे ही कार्रवाई होगी।

स्वास्थ्य विभाग आखिर क्यों नहीं कर रहा है इन पर कार्यवाही
स्वास्थ्य विभाग आखिर क्यों नहीं कर रहा है कार्यवाही तो इसका भी जवाब आपके और उन अधिकारियों के पास नहीं होगा क्यों क्योंकि यह पूरा खेल बिना सेटिंग और मिलीभगत से तो चलता नहीं है तो आगे आप खुद समझदार हैं कि किसकी कितनी मिलीभगत होगी और किनकी कितनी जेब गर्म हो रही होगी और मौतें भी होती हैं तो होती रहे क्योंकि वैसे भी इन जिम्मेदारों को कुछ दिखता नहीं है क्योंकि उनकी आंख पर तो पट्टी है।

शासकीय अस्पताल के सामने खुली एक और डॉक्टरों की दुकान
शासकीय अस्पताल सिहोरा के सामने भी एक ऐसी डॉक्टर की दुकान खुली है जहां शासकीय अस्पताल सिहोरा के डॉक्टर अपनी सेवाएं देने जाते हैं और वहां का किस्सा भी अजीब है साहब क्यों ? क्योंकि वहां मरीज भी शासकीय अस्पताल से भेज दिए जाते हैं और क्यों कि उनके दलाल शासकीय अस्पताल में अपना पैर जमाए हैं और जब कोई पेशेंट आता है तो वहां मौजूद दलाल उस पेशेंट को उस निजी अस्पताल में भर्ती होकर सुविधाओं का लालच उठाने का झुनझुना थमा देते हैं और फिर क्या शासकीय डॉक्टर वहां पहुंचकर अपना खेल खेलते हैं और निजी अस्पताल की जेब भर जाती है और कुछ कागज के टुकड़े उनकी भी झोली में डाल दिए जाते हैं।

सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने सरकार क्यों फेल
सरकार लगातार शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने प्रयास कर रही है परंतु निजी अस्पताल संचालक मरीज की मजबूरी का फायदा उठा कर मोटी मलाई खा रहे हैं क्योंकि इन सब में सरकार की कोई गलती नहीं है गलती है उसके नीचे काम करने वाले लालची पैसे के भूखे ईमान बेच कर काम करने वाले बेईमानों की जो आम जनता की जिंदगी से खेल कर उनको ऐसे दलदल में ढकेलते हैं जहां उस मरीज का जीवन और पैसा दोनों दांव पर लगता है उसके बाद भी गारंटी नहीं रहती कि वह मरीज बचेगा या नहीं।

इनका कहना
कोरोना के कारण मैं कार्यवाही  और काम दोनों नहीं कर पा रहा हूं परंतु मैं आज पत्राचार करके इनको नोटिस भेजकर इन के ऊपर जो भी वैधानिक कार्यवाही होगी मैं जल्द करूंगा ।
डॉक्टर दीपक गायकवाड बीएमओ सिहोरा

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