द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। सिहोरा जिला आंदोलन की आग में सुलगती सिहोरा जिला की चिंगारी को मऊगंज और नागदा के जिला घोषित होने से जहां सिहोरा वासियांे को हवा दे दी। तो वहीं सिहोरा को जिला घोषित न करने और लगातार अनदेखी के चलते सिहोरा वासियों का गुस्सा लगातार भड़कता जा रहा है। पिछले दो वर्षों से लगातार सिहोरा जिला की मांग को लेकर साप्ताहिक धरना दे रहे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा कर दी और पिछले रविवार को अर्धनग्न प्रदर्शन भी किया परंतु प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा लगातार जिलों की बौछार लगा दी और मऊगंज को जिला बनाने केबिनेट ने मंजूरी दे दी परंतु सिहोरा जिला को लेकर लगातार अनदेखी ने सिहोरा वासियों को आक्रोशित कर दिया,
पूर्ण हो चुकी सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही
पूर्व में सिहोरा के अंतर्गत रहने वाली तहसीलें बहोरीबंद,मझौली और ढीमरखेड़ा आज स्वयं तहसील है। और सिहोरा को अनाथ बना दिया गया। जबकि पूर्व में सिहोरा को जिला बनाने वर्ष 2001 से 2003 के मध्य जिला बनाने की संपूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण हो चुकी थी। और चुनाव के चलते सिहोरा जिला अस्तित्व मंे नहीं आ सका था।ं 26 जनवरी 2004 को पूर्ण रूप से प्रभावी जिले के रूप में सिहोरा कार्य करने लगता।
11 अगस्त को हुई बैठक मै लिया गया निर्णय, 12 अगस्त से आंदोलन में आएगी तेजी, 16 से अनिश्चिित कालीन बंद का ऐलान
आक्रोशित सिहोरा वासियों द्वारा लगातार जिले की मांग कि जा रही है और जिला आंदोलन समिति द्वारा धरना प्रदर्शन के अलावा अर्धनग्न प्रदर्शन भी किया था परंतु लगातार अनदेखी ने सिहोरावासियों के गुस्से को और हवा दे दी और जिसको लेकर सैकड़ों की संख्या में पहंुचे सिहोरा वासियों ने गत दिवस काल भैरव चौक में सिहोरा जिला को लेकर अहम बैठक के साथ अहम निर्णय भी लिए गए जिसमें 12 अगस्त से रात्रि में पूरे नगर में जन जागरण रैली निकाली जाएगी। व 15 अगस्त को शाम सिहोरा स्वाभिमान यात्रा निकाली जा्रएगी जिसमें सिहोरा खितौला में विशाल वाहन रैली निकाली जाएगी। साथ ही 16 अगस्त को अनिश्चितकालीन संर्पूण बंद का भी निर्णय लिया गया जिसमें सम्पूर्ण बाजारें दुकाने प्रतिष्टान बंद रखे जाएगें। बैठक के बाद सिहोरा वासियों ने पैदल नगर भ्रमण कर सिहोरा जिला को लेकर जिला नहीं तो वोट नहीं की जमकर नारेबाजी की।
एक वर्ग कर रहा गुमराह
वहीं जन चर्चा है कि सिहोरा जिला को लेकर एक वर्ग सिहोरा वासियों को लगातार गुमराह कर रहा है कि टैक्सों में बढोत्तरी होगी, व कोई लाभ नहीं होगा। इन अफवाहों से सिहोरा की जनता सावधान रहकर जिले की मांग में अपना योगदान दे क्योंकि सिहोरा जिला की मांग सबकी विकास की मांग है और यह लगाई सिहोरा में स्वाभिमान और अस्तित्व की लड़ाई है न कि किसी व्यक्ति विशेष की लगाई है,
जबलपुर की जनता से सीखे सिहोरावासी
ऐसी जन चर्चा है कि अभी कुछ दिनों पूर्व जब जबलपुर हाईकोर्ट के विखंडन की तैयारियां जोरों से चल रही थी तो संपूर्ण जबलपुर वासी दलगत राजनिति से हटकर एकजुट होकर जबलपुर महाबंद कराया था और सरकार को अपना निर्णय वापस लेकर ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था और विखंडन नही हो सका। उसी तरह सिहोरा कुंडम, मझौली, बहोरीबंद वासियों को एकजुट होकर दलगत राजनिति से हटकर सिहोरा की स्वाभिमान की लड़ाई जब तक जारी रखे जब तक सिहोरा जिला न बन जाए।
सिहोरा को जिला बनाया जाएगा तो मिलेगी संपूर्ण सुविधाएँ होगी अनेक मुख्यालयों की स्थापना
अगर सिहोरा जिला बनाया जाता है तो सिहोरा में ही कलेक्टर व एसपी क साथ अनेक विभागों की स्थापना के साथ केन्द्र से लेकर प्रदेश सरकार तक के मुख्यालय जिले में बनाये जाएगे। साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, जैसी अनेक मूलभूत सुविधाओं को भी जिले स्तर पर बढाया जाएगा। तो वहीं नए उधोगों की स्थापना होगी और लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। और व्यापार में भी बढ़ोत्तरी होगी। जिले में बिजली, जलदाय, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा शिक्षा, न्यायालय व पुलिस लाइन को सबसे पहले जिला स्तर का बनाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर जलदाय और पीडब्ल्यूडी जैसे विभागों में उपखंड स्तर पर कार्यकारी अभियंता (एक्सईएस) का दफ्तर ही सबसे बड़ा होता है, लेकिन जिला बनने से सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) का दफ्तर बनेगा। साथ ही प्रधान न्यायधीश की पदस्थापना होगी। जिला अस्पताल बनेगा। और सैकड़ों की संख्या में कार्यालयों की स्थापना होगी, और उसमें भी स्थानीय जनांे को रोजगार मिलेगा। और पलायन पर भी रोक लगेगी। साथ ही अनेक कार्य होगे जो आमजनों को अपने अनेक कार्यो के लिए जबलपुर भागना पड़ता है उनसे भी राहत मिलेगी। और संपूर्ण कार्य जिला सिहोरा में ही होगा। तथा जिला स्तर पर स्टेशन का विकास होगा और लम्बी दूरी की ट्रेनों को स्टाप मिलेगा। जिसकी लगातार सिहोरा वासी मांग भी करते आए है।