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Home » मध्यप्रदेश » सिहोरा » डायरिया से युवती की मौत, मेडिकल के माइक्रोबायोलॉजी, एमडी मेडिसिन टीम ने घर-घर किया सर्वे, कछपुरा गांव में तेजी से फैल रहा डायरिया प्रकोप, 89 पहुंची डायरिया के मरीजों की संख्या

डायरिया से युवती की मौत, मेडिकल के माइक्रोबायोलॉजी, एमडी मेडिसिन टीम ने घर-घर किया सर्वे, कछपुरा गांव में तेजी से फैल रहा डायरिया प्रकोप, 89 पहुंची डायरिया के मरीजों की संख्या

द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। कछपुरा गांव में डायरिया का संक्रमण तेज से पैर पसार रहा है। संक्रमण के चलते गांव के पूर्व उपसरपंच की नातिन की सिहोरा अस्पताल में रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। 19 वर्षीय युवती को लगातार हो रही उल्टी-दस्त होने पर शाम को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे। रात में उसे दो से तीन उल्टियां हुई, कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। कछपुरा में डायरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ रही हैं।

89 पहुंचा डायरिया के मरीजों का आंकडा

रविवार रात कछपुरा गांव के सृष्टि पटेल (ढाई साल), सोनू पटेल (22) को लगातार उल्टी-दस्त होने से उनकी हालत बिगडने लगी। आनन-फानन में परिजन दोनों को जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं सोमवार को पीएचसी गोसलपुर में 15 नए डायरिया के मरीज कछपुरा के भर्ती हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं सिहोरा अस्पताल में लगातार डायरिया के मरीज कछपुरा से भर्ती हो रहे हैं।

मेडिकल की टीम कछपुरा पहुंची, जांच करने लिए सैम्पल

मेडिकल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और एमडी मेडिसिन की टीम सोमवार को कछपुरा गांव पहुंची। टीम ने जिन घरों में डायरिया पीडित मिले वहां खाना बनाने और पीने के पानी के सैम्पल लिए। इसके अलावा दस्त (मल) के सैम्पल लिए, ताकि यह पता चल सके की गांव में डायरिया फैलने का वास्तविक कारण आखिर है क्या।

नाना के यहां रहकर कर रही थी पढाई

ग्राम कछपुरा के पूर्व उपसरपंच रामलाल पटेल की नातिन अनुप्रिया पटेल (19) ग्राम कछपुरा में रहकर अपने नाना के यहां पढ़ाई कर रही थी। दो दिन पहले उसे अचानक उल्टी-दस्त होने पर परिजनांे ने घर में इलाज करवाया, लेकिन हालत बिगडने पर उसे सिहोरा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार देर रात उल्टी होने के बाद अनुप्रिया की मौत हो गई। अनुप्रिया बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी, पढ़ाई में बहुत होनहार थी।

पानी के सैंपल की रिपोर्ट पॉजीटिव

कछपुरा गांव में डायरिया के लगातार बढते संक्रमण को लेकर यह आशंका जताई जा रही थी कि नल-जल योजना से घरों में होने वाला पानी गंदा है। पीएचई विभाग ने दो पीडित परिवारों के घरों, हैंडपंप और बोर के पानी के सैंपल लिए थे। जांच के दौरान पानी के सैंपल की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। बडा सवाल ये है गांव मंे सप्लाई होने वाली नल-जल योजना का पानी, हैंडपंप और बोर का पानी सही है तो डायरिया फैल कहां से रहा है।

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