द न्यूज़ 9 डेस्क भोपाल। विशेष संवाददाता। आज मध्यप्रदेश राज्यसेवा परीक्षा 2019 में साक्षात्कार में चयनित छात्रों द्वारा शीघ्र साक्षात्कार कराने एवं राज्यसेवा परीक्षा 2019 की प्रक्रिया जल्दी संपन्न कराने हेतु करीबन 100 अभ्यर्थियों ने लोक सेवा आयोग को सामूहिक ज्ञापन देकर स्पष्टीकरण की मांग की।
अभ्यर्थियों का कहना है कि नवंबर 2019 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 की अधिसूचना जारी की गई थी जिसके अनुसार 12 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा संपन्न हुई।
आयोग द्वारा लगभग एक वर्ष का समय लेकर प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 21 दिसंबर 2020 को जारी किया गया तथा 10767 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा हेतु शामिल किए गए। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा परिणाम में आरक्षण एवं रोस्टर संबंधी संशोधित राज्यसेवा परीक्षा नियम के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
न्यायालय में लंबित मामले में स्थिति स्पष्ट न होने के बाद भी आयोग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण एवं लॉकडाउन के समय 21 से 26 मार्च 2021 के मध्य मुख्यपरीक्षा आयोजित की गई।
31 दिसंबर 2021 में राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया जिसमें 10767 में से 1918 लोग साक्षात्कार हेतु चुने गए, जो आयोग के कैलेंडर के अनुसार फरवरी के अंत तक आयोजित किए जाने थे तथा 31 जनवरी 2022 तक सभी अभ्यर्थियों को आयोग में साक्षात्कार संबंधी दस्तावेज जमा कराने को कहा गया किंतु वर्तमान स्थिति तक ना ही साक्षात्कार का आयोजन हुआ है ना ही आयोग द्वारा इसकी कोई तिथि घोषित की गई।
इसी मध्य 7 अप्रैल 2022 को माननीय उच्चन्यायालय द्वारा संशोधित राज्यसेवा नियम को रद्द करते हुए आयोग को “राज्यसेवा नियम-2015(पुराना नियम)” के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को संशोधित कर पुनः परिणाम जारी करने के निर्देश दिए गए। इससे इस परीक्षा की आगे की प्रक्रिया के संबंध में स्थिति अस्पष्ट हो गई है और आयोग द्वारा इस संबंध में कोई भी औपचारिक सूचना न देने के कारण साक्षात्कार चयनित अभ्यर्थी असमंजस में और मानसिक रूप से अवसाद में है।
छात्रों द्वारा विगत 2 मई को भी इस संबंध में ज्ञापन दिया गया थी जिसमें छात्रों को 2-3 दिन में आयोग द्वारा निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया किंतु 10 दिनों के बाद भी कोई जानकारी आयोग की और से नहीं दी गई जिसके कारण उन्हें बड़ी संख्या में पुनः आना पड़ा।
आयोग की ओर से विधिक राय लेकर जल्द ही निर्णय देने का आश्वासन दिया गया।
छात्रों ने आयोग द्वारा जल्दी निर्णय नहीं देने पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को सामूहिक ज्ञापन देने की बात कही है।