द न्यूज़ 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा।
बिलबिला रहे कीड़े सड़ांध से सकरी मोहल्ला के लोगों का जीना हुआ दुश्वार, मवेशियों में महामारी फैलने की आशंका
नगर पालिका के अलग-अलग हिस्सों में पिछले एक माह के दौरान संदिग्ध- बीमारियां वायरस से मरने वाले सुअरों को नगर पालिका प्रशासन ने सिर्फ दफनाने का दिखावा किया। हकीकत में मृत सुअरों को खितौला के कचरा जमा करने वाले डंपिंग यार्ड के पास पुलिया में खुले गड्ढों में फेंक दिया गया। मृत सुअरों की उठती सड़ांध से सकरी मोहल्ला के लोगों का जीना मुश्किल हो गया। ऐसे में मवेशियों और अन्य जानवरों में महामारी फैलने की आशंका बढ़ गई है।
बिलबिला रहे कीड़े, दो मिनट खड़े होना हो रहा मुश्किल
नगर पालिका प्रशासन की पोल इस बात से खुल गई कि संदिग्ध बीमारी या वायरस से मृत सुअरों को दफनाने की बात कही गई थी, लेकिन हकीकत में मृत सुअरों को खुले में गड्ढे खोदकर फेंक दिया गया। हालत यह है कि मृत सूअरों के शरीर गलने के साथ ही उसमें कीड़े बिलबिला रहे हैं। हालत यह है कि करीब 500 मीटर के एरिया में खड़े होना तक मुश्किल हो रहा है। बाईपास से गुजरते वाहन चालकों को भी बदबू के कारण गुजरना दुश्वार हो रहा है।
खानापूर्ति करने 50 मीटर के गड्ढे में फेंक दिया गया मृत सुअरों को
जहां एक तरफ लगातार अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के मामले सुअर और अन्य जानवरों में सामने आ रहे हैं वही नगरपालिका से होरा प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। अधिकारी एवं कर्मचारियों ने संदिग्ध परिस्थितियों में पिछले एक माह में मृत साडे 450 सुअरों करना तो पोस्टमार्टम कराया और ना ही पशु चिकित्सा विभाग को इसकी कोई जानकारी थी। गुपचुप तरीके से मृत सुअरों को फेंका जा रहा था। उसमें भी सुअरों को सिर्फ 50 मीटर के गड्ढे में डाल दिया गया। ऊपर मिट्टी तक नहीं डाली गई, ताकि मृत सुअरों की उठती दुर्गंध न फैले।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
संदिग्ध बीमारी से मृत सुअरों को दफनाने के लिए गड्ढा खोदकर ऊपर से मिट्टी डालने के निर्देश दिए गए थे। आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया कि मृत सुअर खुले में पड़े हैं। मृत सुअरों को गड्ढे में व्यवस्थित तरीके से मिट्टी डलवाने का काम तुरंत कराया जाएगा।
लक्ष्मण सारस, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सिहोरा
नगर पालिका द्वारा सिर्फ एक लेटर लिखकर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत सुअरों की जांच के लिए लिखा गया है। हमें एक भी मृत सूअर की बॉडी उपलब्ध नहीं कराई गई है, ताकि हम उसका पीएम करके उसके सैंपल भेज सके कि आखिर किस बीमारी का वायरस के कारण सूअरों की मौत हुई।
डॉ. नीता मनोचा, खंड पशु चिकित्सा अधिकारी सिहोरा