द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील की नगर पालिका परिषद सिहोरा सीएमओ का अनोखा मामला आया प्रकाश में, मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स की तहसील शाखा सिहोरा ने लिखित शिकायत कर किया नगर पालिका परिषद का बड़ा खुलासा, अजाक्स संघ ने 28 सितम्बर को लिखित शिकायत के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया की नगरीय प्रशासन द्वारा 2016 के बाद से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगा था, परंतु नगर पालिका परिषद सिहोरा सीएमओ द्वारा उच्च कार्यालय से बिना अनुमति और सूचना के नगर पालिका परिषद सिहोरा में लगातार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती पीछे के दरवाजों से की जा रही है, और जब संघ ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने 19 मार्च 2021 को जानकारी देकर उन सभी को निरंक बता दिया, और लगातार भर्त्तियां की जा रही है, और उन कर्मचारियों का वेतन भी दिया जा रहा हैं, और कुछ भर्ती हुए कर्मचारियों द्वारा 2018 से भर्ती के बाद किसी प्रकार का कार्यालय में कार्य नही किया जा रहा है और उन कर्मचारियों को 2018 से वेतन भी नगर पालिका द्वारा लगातार दिया जा रहा है, तथा नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मचारियों को वेतन वृध्दि का लाभ नहीं दिया गया, और नगर पालिका के जल प्रदाय में कार्यरत पंप ऑपरेटरों द्वारा लगातार 24 घंटे फिल्टर पंप में कार्य किए जाने के बाद भी, 7 दिनों का वेतन काट दिया जा रहा है,
आगे संघ ने बताया है कि नगर पालिका परिषद से सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों से प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य कार्यों में लिखा पढ़ी का कार्य कराया जा रहा है, वहीं संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्व के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कुशल का वेतन नहीं दिया गया और बाद के भर्ती दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कुशल का वेतन दिया जा रहा है, साथ ही संघ ने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग भोपाल, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं संचालनालय भोपाल सहित कलेक्टर जबलपुर, सयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग जबलपुर से शिकायत के माध्यम से उक्त मामलों की निष्पक्ष जाँच कर दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की मांग कर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी के स्थानांतरण की भी मांग की है, और अगर 7 दिवस के अंदर उक्त इन सभी मांगो की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही नही होने पर संघ हड़ताल पर जाने बाध्य होगा, इससे प्रतीत होता है कि अगर किसी की सेटिंग हो तो पीछे के दरवाजों से नगर पालिका परिषद सिहोरा में किसी भी विभाग में भर्ती होकर कार्य कर सकता है, और यहाँ किसी डिग्री और शिक्षा की आवश्यकता नहीं है केवल पहुँच और सेटिंग्स के दम पर भर्ती होकर पुण्य लाभ लिया जा सकता है, और आप काम न भी करें तो चिंता नहीं, आपको बकायदा हर माह वेतन भी दिया जाएगा, अब देखना है कि इतने बड़े खुलासे के बाद इन सब कारनामों के जिम्मेदार दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी या पूरा मामला ठंडे बस्ते में झोंक दिया जाएगा,