द न्यूज़ 9 डेस्क। जबलपुर।सिहोरा। कहावत है कि जिसको बिच्छू का मंत्र न पता हो और वह साँप का इलाज करने बैठ जाए तो स्वाभाविक ही है कि मुसीबत तो बहुत बड़ी ही होगी ऐसा ही एक मामला मझगवां का है जहां एक होम्योपैथी की पढाई के बाद एक डॉक्टर द्वारा अंग्रेजी विद्या से इलाज करने बैठ गए है और अगर कुछ बात बिगड़ जाय तो सरकारी अस्पताल जिंदाबाद क्योंकि इनसे सरकारी अस्पताल में मरीज को भेजकर अपना बचाव कर लिया जाता है।

नाम न छपने की शर्त पर कुछ मरीजों ने बताया कि डॉक्टर साहब बकायदा पर्चा पट अंग्रेजी दवाइयां लिख कर इलाज करते है। और ठीक हो न हो इसकी गारंटी भी नहीं क्योंकि डॉक्टर साहब ने होम्योपैथी पढ़ी है। वह बात अलग है कि इलाज अंग्रेजी कर देते है।
और डॉक्टर साहब पर्चा भी ऐसे बनाते है कि जिम्मेदार जिंदगी भर बैठे रहे तो न पकड़ पाए क्योंकि तस्वीरों में आप साफ देख सकते है कि न मरीज का नाम न डॉक्टर का नाम बस अंग्रेजी दवाइयों के नाम छाप कर मरीज को दे देते है। अब ऐसे में किसको पता किसने लिखा किसने इलाज किया और कौन किस पर कार्यवाही करेगा।
अब ऐसे में अगर कोई अनहोनी होती है। तो डॉक्टर साहब तो खुद मुकर जायेगे की यह पर्चा हमारा नहीं है और इस मरीज को हमने दवाई नहीं दी तो ऐसे में इस तरीके से कार्य करने वाले डॉक्टर पर भी जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देकर तत्काल कार्यवाही करना चाहिए









