सच की आवाज़.

सच की आवाज़.

Home » अन्य खबरे » किसान आंदोलन का 100वां दिन – हल पर काली पट्टी बांध काला दिवस मनाए अन्नदाता

किसान आंदोलन का 100वां दिन – हल पर काली पट्टी बांध काला दिवस मनाए अन्नदाता

द न्यूज 9 डेस्क गाजीपुर बॉर्डर । कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन के 100 दिन पूरे होने पर जहां एक तरफ किसानों ने केएमपी एक्सप्रेस वे को ब्लॉक किया, तो वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने पहले ही हल पर काली पट्टी बांध अपने विरोध की शुरूआत कर दी है। इसमें मंच पर अनशन पर बैठे किसानों को भी काली पट्टी बांधी गई। किसानों द्वारा हल से खेती की जाती है, इसी के चलते इस पर काली पट्टी बांधी गई है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ समाधान तक, आखिरी सांस तक संघर्ष चलेगा और हम जीतेंगे।

दरअसल, दिल्ली बॉडर्स पर किसानों के विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन हो गए। शनिवार को दिल्ली व दिल्ली बॉडर्स के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी की गई है। यह नाकाबंदी किसानों द्वारा सुबह 11 से शाम 4 बजे केएमपी एक्सप्रेस पर की गई।

किसान टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त करेंगे। हालांकि किसानों के मुताबिक यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। सिंघु बॉर्डर से किसान कुंडली पहुंच एक्सप्रेस वे का रास्ता ब्लॉक किया , तो वहीं इस मार्ग पर पड़ने वाले अन्य टोल प्लाजा को भी ब्लॉक किया।

गाजीपुर बॉर्डर से किसान डासना टोल की ओर कूच करेके। टिकरी बॉर्डर से किसान नजदीक बहादुरगढ़ ब्लॉक पहंुचे। साथ ही शाजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान गुरुग्राम – मानेसर को छूता केएमपी एक्सप्रेस वे ब्लॉक किया।

बॉर्डर पर बैठे किसानों ने काली पट्टी बांधने के दौरान कहा कि हम अनशन पर बैठे हैं, सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। ये लड़ाई आर पार की होगी जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानेगी। किसान गाजीपुर बॉर्डर से डासना टोल की ओर कूच करेंगे, वहीं दुहाई, कासना, नोएडा आदि सब पर किसान रहेंगे और इन्हें जाम किया गया ।

किसानों के मुताबिक, शांतिपूर्ण तरह से इन टोल प्लाजाओं को बंद किया गया, राहगीरों को परेशान नहीं किया गया, राहगीरों के लिए इनके द्वारा पानी की व्यवस्था की गई, कृषि कानूनों से जुड़े किसानों के मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी गई। दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।

About The Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

संबंधित ख़बरें

क्या आप सिहोरा जिला के पक्ष में है।