द नयूज 9 डेस्क।जबलपुर।सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे सीएम राइज स्कूल का जहां एक तरफ भव्य प्रचार प्रसार किया जा रहा वहीं दूसरी तरफ एक नई और रोचक जानकारी सामने आ रही है। जिसमें सिहोरा के वासियों को सीएम राइज स्कूल की 33 करोड़ की सौगात तो मिली और इसकी सूचना भी प्राचार्य के पास न हो ऐसे में समझाा जा सकता है कि पूरा मामला ही क्या है।
खबर प्रकाशन के बाद प्राचार्य महोदय ने हमारे चैनल को एक पत्र वाट्सएप के माध्यम से भेजा जिसमें लेख है कि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का कार्यक्रम निर्धारित नहीं किया गया और न ही पूर्व निर्माण एजेंसी द्वारा मुझे कार्यक्रम के संबंध में काई सूचना दी गई। इस कार्यक्रम का आयोजन मप्र भवन विकास निगम जबलपुर के द्वारा संपादित किया गया और इनके द्वारा छपवाएँ गए आमंत्रण कार्ड में मेरा नाम निवेदक के रूप में जोड़ा गया जिसकी जानकारी एवं स्वीकृति मुझ से नहीं ली गई । तो साहब जब आपको जानकारी नहीं थी या जब जानकारी मिली तब आप क्या सो रहे थे, और जानकारी नहीं थी तो पत्थर हवा में सिहोरा अचानक उड़ कर पहुंचा होगा और जब जानकारी मिले बिना भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित हो रहा था तो आपने उस दौरान आपत्ति क्यों नहीं ली आप तो दोनो हाथों से लड्डू खा रहे है क्योंकि आप सीएम राइज के प्राचार्य के साथ साथ विकासखंड शिक्षा अधिकारी का भी दायित्व निभा रहे है। ऐसे में विचार करने वाली बात है कि साहब अपनी कन्नी काटने दूसरे के नाम पर बिल फाड़ने का नेक कार्य कर रहे है क्योकि जब सीएम राइज स्कूल के भूमि पूजन की जानकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी आर्थात सीएम राइस स्कूल के प्राचार्य को नहीं है तो ऐसे में भगवान भरोसे सिहोरा विकासखंड में शिक्षा विभाग कार्य करेगा और भगवान भरोसे ही बच्चों का भविष्य उज्जल होगा और शिक्षा का स्तर भी भगवान भरोसे ही सुधरेगा। क्योंकि विेकासखंड शिक्षा अधिकारी आर्थात प्राचार्य महोदय को किसी प्रकार की जानकारी हीं नहीं है और न उन्हे सूचना दी जा रही ऐसे में तो गजब ही हो गया। क्योंकि ऐसा कभी संभव ही नहीं हो सकता साहब तो अपनी कन्नी काटकर शायद सोच रहे है। सिहोरा की जनता पागल है।









