द न्यूज9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। निजी स्कूल छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य से कितना बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं इसकी पोल गुरुवार को उसे समय खुली जब अभिभावकों की शिकायत पर शिक्षा विभाग के अधिकारी खितौला के मारथोमा ग्राम ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल पहुंचे। स्कूली बच्चों को जिस टंकी का पानी पिलाया जा रहा था, उसमें काई की मोटी परत जमा थी। टंकी को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे इसकी वर्षों से साफ सफाई नहीं की गईं है। छात्र-छात्राओं को ले जाने वाली बसों में सुरक्षा जालियां गायब थीं। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई, साथ ही इसमें तत्काल सुधार के निर्देश दिए
यह था मामला
18 अगस्त को स्कूल में पढ़ने वाले वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने अनुविभागीय अधिकारी को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में स्कूल परिसर में आने-जाने का रास्ता एवं खेल मैदान की स्थिति खराब होना, छोटे बच्चों को पैदल चलने में मुश्किल, उबड़-खाबड़ रास्ते के कारण छोटे बच्चों को चोट लगना, स्कूली बच्चों में सुरक्षा जालियां और जीपीएस सिस्टम नहीं होना, निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तक स्कूल में चलना, बच्चों की उम्र के हिसाब से बस्ती का बोझ कम नहीं करना की बात कही थी। जिसके बाद गत गुरुवार को शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल जाकर निरीक्षण किया ।
जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे अपनी रिपोर्ट
अभिभावकों की शिकायत की जांच के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी अशोक उपाध्याय, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रमखिरिया के प्राचार्य एमडी पटेल, शिक्षक संदीप तिवारी पहुंचे थे। जांच के बाद उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की और स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाते हुए। गड़बड़ियों को जल्द से जल्द सुधरने के निर्देश दिए। बीईओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जायेगी।
बीड़ी कारखाने और निजी घरों में चल रहे स्कूलों पर नहीं किसी की नजर
आपको जानकारी के लिए बता दे कि सिहोरा खितौला में अनेक स्कूल या तो घरों से संचालित है। तो वहीं खितौला का एक निजी स्कूल पुराने बीड़ी कारखाने में संचालित हो रहा है। परन्तु इस ओर न तो किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान है। और न ही शिक्षा विभाग इसकी खोज खबर ले पा रहा है। जबकि स्कूल संचालक को लेकर इन स्कूलों के पास न ही खेल मैदान है। न पार्किंग की व्यवस्था है और न अनुभवी शिक्षक इनके पास है। परन्तु जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे स्कूल धड़ल्ले से चल रहे है। और कार्यवाही के नाम पर केवल आश्वासन देकर कार्यवाही पर पर्दा डाल दिया जाता है।









