द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। सहकारी विपणन समिति सिहोरा में कर्मचारियों में ऐसी जन चर्चा है की देवेंद्र कुमार साहू जो इसी संस्था में कई वर्षों तक जय कुमार साहू के नाम से बिक्री लिपिक के पद पर कार्य करता था परंतु अधिकारियों द्वारा जब इसकी व्यक्तिगत फाइल देखी गई तो मात्र आवेदन पत्र फाइल में मिला तो उस कर्मचारी के योग्यता संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो वह मात्र आठवीं की अंक सूची की फोटो कॉपी ही उपलब्ध करा पाया जबकि योग्यता बिक्री लिपिक के लिए कम से कम 11वीं पास होना चाहिए था, पात्र दस्तावेज न होने के कारण उस कर्मचारी का डिमोशन कर भृत्य के पद पर पदस्थ कर दिया गया। यह भी चर्चा है कि उक्त कर्मचारी आज भी यूरिया एवं डीएपी नगद बिक्री का कार्य कर रहा है पीड़ित किसान ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यूरिया में ₹10 से ₹25 ज्यादा तथा डीएपी में ₹20 ज्यादा लेकर मात्र किसानों का आधार कार्ड के आधार पर खाद्य प्रदान कर दी जा रही है किसानों को विपणन समिति में बही में प्रदर्शित रकबा के आधार पर खाद्य प्रदान नहीं की जाती जबकि डबल लॉक विपणन संघ में बिना आधार कार्ड एवं बही ऋण पुस्तिका पर प्रति एकड़ दो बोरी यूरिया एवं एक बोरी डीएपी प्रदान की जाती है परंतु विपणन समिति सिहोरा प्रभारी प्रबंधक द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए कर्मचारियों द्वारा खाद वितरण कराया जा रहा है साथ ही किसानों से अधिक राशि लेकर भ्रष्टाचार कराया जा रहा है और भ्रष्टाचार की खुली छूट दे दी गई है इस प्रकार एक भृत्य के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है साथ ही इस बात की भी चर्चा है कि इस कर्मचारी के पास किसी प्रकार का कोई नियुक्ति पत्र नहीं है ना ही समिति में कार्य करने संबंधी कोई कागजात है इस प्रकार के फर्जी कर्मचारी संस्था में कार्य कर रहे हैं पीड़ित किसानों ने मांग की है कि ऐसे भृष्ट कर्मचारियों के विरुद्ध अधिकारियों द्वारा जांच कर कठोर कार्रवाई करते हुए फर्जी कर्मचारियों के रूप में कार्य कर रहे कर्मचारियों की तत्काल सेवाएं समाप्त की जाएं व पूर्व में संस्था द्वारा तीन काउंटरों से नगद राशि पर खाद्य वितरण किसानों को प्रदान की जाती थी परंतु वर्तमान में प्रभारी प्रबंधक द्वारा एक काउंटर से खाद्य वितरण व्यवस्था कर दी गई है जिसे पूर्व की भांति तीन काउंटरों से कराया जाए
इनका कहना है।
जो कर्मचारी संस्था में है वह भृत्य का कार्य कर रहा है और डीएपी यूरिया खाद में अधिक राशि के आरोप लगाए गए हैं वह निराधार हैं जिस किसान ने शिकायत की थी वह खाद लेने आया ही नहीं।
अश्वनी तिवारी, प्रभारी प्रबंधक, सहकारी विपणन समिति सिहोरा