द न्यूज़ 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। जबलपुर में हुए अस्पताल अग्निकांड के बाद स्वास्थ्य विभाग को आग की लपटों ने सो रहे स्वास्थ्य विभाग को नींद से कुछ दिनों के लिए तो जाग सा दिया था। परन्तु फिर उसके बाद ऐसा लगता है कि बढ़ती हुई ठंडक और मौसम के परिवर्तन ने उन जिम्मेदारों की कार्यवाहियों पर भी असर दिखाया है। बढ़ी हुई ठंडक से शायद वे जिम्मेदार अधिकारी आजकल दूर से दर्शन में व्यस्त है। या शायद बड़ी अनहोनी के इंतजार में हो उसके बाद फिर जागे कुछ कहा नहीं जा सकता।
मामला सिहोरा का है जहाँ शासकीय सिविल अस्पताल मार्ग पर अनोखे डॉक्टर के अनोखे कारनामों का मामला खबर के माध्यम से जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुँचा था। जिसके बाद हरकत में आये स्वास्थ्य विभाग ने नाम मात्र की जांचे और कुछ कार्यवाहियों को करके जमकर तारीफे बटोरी और जल्द बड़ी कार्यवाही का आश्वासन भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा दिया गया था। परन्तु उसके बाद तो जिम्मेदारों ने सुध बुध ही खो दी और दूर-दर्शन में व्यस्त हो गए। या कोई बड़ी सेटिंग हो गई।
मामला फरवरी 2022 है जब स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर कमलेश वर्मा, ऐहतेशाम अंसारी व अमले ने सिहोरा के कुछ निजी क्लीनिक और अस्पतालों पर औचक निरीक्षण किया और निरीक्षण के बाद कार्यवाहियों के नाम पर कुछ नोटिस देकर बड़ी कार्यवाहियों की हवा उड़ा दी थी। परन्तु उसके बाद तो बड़ी कार्यवाहियां ही हवा में उड़ गई।
आम जनता की जान से खेलने वालों पर क्यों मेहरबानी साहब
मामला सिहोरा तहसील का है जहां शासकीय सिविल अस्पताल मार्ग पर स्थित एक अनोखे डॉक्टर के अनोखे अस्पताल और डॉक्टर को सभी इलाजों में प्राप्त महारत को लेकर खबर प्रकाशन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने थोड़ा हलचल दिखाकर कार्यवाहियो का आश्वासन दिया था। और अनेक क्लिनिकों अस्पतालों की जाँच कर जल्द से जल्द कार्यवाही करने की बड़ी बड़ी बातें भी कहीं गई थी। परन्तु उसके बाद तो जैसे सब सुधबुध खोकर जिम्मेदार ही जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिए। और आम जनता के जीवन से खेलने वालों भरपूर मेहरबानी भी दिखा रहे है।
इस मामले में जब एक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि उनके द्वारा समय समय पर अपने उच्च अधिकारियों को सिहोरा में अवैध और गलत तरीकों से संचालित क्लीनिकों अस्पतालों की पूरी जानकारी भेजी जाती रही है । और उनके द्वारा अभी हाल ही में उच्च अधिकारियों को बताया भी जा चुका है कि दाँत का डॉक्टर हड्डियां जोड़ने का काम कर रहा है। प्लास्टर बांध रहा है साथ ही आंख,कान, नाक, सहित सभी इलाज कर रहा है परन्तु ऊपर के अधिकारी न तो कार्यवाही करते है और न कार्यवाही करने हमें निर्देश देते है। जबकी उन्हें सब पता है। परन्तु साहब को फुर्सत कहाँ है। की तामझाम वाले अस्पतालों पर भी नजर मार ले, शायद कोई बड़ी अनहोनी के बाद फिर उनको होश आया जाए कि किस पर कार्यवाही करना है और क्या कार्यवाही करना है। सोचने वाली बात है की ऐसे में अगर कोई बड़ी अनहोनी हो जाए तो ऊपर बैठे अधिकारी अपना पल्ला झाड़ कर नीचे के अधिकारियों को बलि का बकरा बना देते है। और भोपाल से जब हस्तक्षेप होता है तब ऊपर बैठे जिम्मेदारों पर गाज गिरती है। तब कहीं परत दर परत राज खुलते है। और सच्चाई से पर्दा उठता है।
दूसरे डॉक्टर के पर्चे की फ़ोटो उतार कर। चिपका देते है इलाज
नाम न छपने की शर्त पर एक नागरिक ने बताया कि यह दाँत का डॉक्टर ने अपना मेडिकल भी खोल रखा है और वहाँ सिहोरा के ही एक जाने माने एम डी मेडिसिन डॉक्टर के पर्चे से मरीज दवाईयों के लिए आते है तो वहाँ बैठे व्यक्ति द्वारा उस पर्चे की फ़ोटो उतार ली जाती है। और फिर वही दवाइयां दाँत के डॉक्टर द्वारा किसी मरीज को चिपका दी जाती है।
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*सिहोरा में अनोखे डॉक्टर का अनोखा अस्पताल, दाँत का डॉक्टर कर रहा सभी इलाज,जिम्मेदारों की आंख में बंधी पट्टी*