द न्यूज 9 डेस्क जबलपुर। विशेष संवाददाता । जबलपुर जिले की मझौली तहसील के ग्राम धनगवां में किसान सेवा केंद्र में बिचौलियों द्वारा भारी मात्रा में बाहरी प्रदेश की धान से भरी बोरियों का अवैध स्टाक की जांच करने एवं अवैध स्टाक में रखी धान की जब्ती करने एवं दोषियों पर कार्यवाही करने को लेकर पूर्व विधायक दिलीप दुबे ने प्रधान मंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन, सहकारिता मंत्री मध्य प्रदेश शासन, कृषि मंत्री मध्य प्रदेश शासन, प्रभारी मंत्री मध्य प्रदेश जिला जबलपुर, सहित अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा को ज्ञापन सौंपा है ।
ज्ञापन में बताया गया कि जबलपुर जिले की मझौली तहसील में स्थित ग्राम धनगवां में स्थित शासकीय किसान सेवा केंद्र में विगत कई माह से उत्तर प्रदेश एवं पंजाब एवं अन्य राज्यों से धान को अवैध रूप से लाकर बिचौलियों द्वारा भंडारित किया गया है , जिसकी शिकायत दिलीप दुबे द्वारा पूर्व में जिला कलेक्टर जबलपुर, अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा सहित खाद्य विभाग के अधिकारियों को की थी, जिसपर छापेमारी कर विचौलिए की धान जप्त कर गोदाम सील कर दी गई थी और जिसपर जांच कमेटी का भी गठन कर दिया गया था, और सप्ताह गुजर जाने के बाद भी जांच टीम का कोई अता पता नहीं है ।
रजिस्ट्रेशन एवं सिकमी वाली जमीनों के रजिस्ट्रेशन की जांच कराई जाये
किसानों ने बताया कि ये कथित व्यापारी फर्जी सिकसीनामा तैयार कर कागज में खरीदी करते हैं और दूसरे राज्यों की धान को मध्य प्रदेश में गलाया जाता है और फिर इसी धान को सभी सोसायटी में अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने निजी वाहन से पहुंचाया जाता है ,ज्ञापन के माध्यम से इन सिकमीनामा वाली जमीनों के रजिस्ट्रेशन की जांच कराने और मौके पर खेत में उपजी फसल की जांच और फर्जी किसान के नाम से भंडारित धान की जांच की जाने की भी मांग की है तथा इस महाघोटाले का पर्दाफाश जब हो सकता है जब रकवा, खसरा कितनी भूमि का है और कितने रकवा में धान की खेती की गई है डोर टू डोर अधिकारियों को जांच कर दूध का दूध और पानी करना पड़ेगा तभी इस बिचौहलए का पर्दाफाश होगा, ।
जब धान किसानों की है तो विनय असाटी क्यूँ बौखलाया
मौके पर जब जांच दल पहुंचा तो व्यापारी विनय असाटी बौखला गया एवं कुछ अपने समर्थकों को खड़ा कर बोलने लगा कि धान किसानों की है , प्रश्न यह है कि यदि धान किसानों की है तो एक व्यापारी इतना क्यूँ बौखला रहा है और मौके पर रखी धान में किस किसान की कितनी धान रखी है इसका कोई रिकार्ड शासन स्तर में क्यूँ नहीं है , यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो जावे तो सारा कालाबाजारी का खेल सामने आ जायेगा ।
शासन की गोदाम पर रखे माल का रिकार्ड क्यूँ नहीं है
उक्त गोदाम शासकीय है जिसमे शासन के रिकार्ड में बिना किसी लिखा पढ़ी के इतनी बड़ी मात्रा में धान इतने दिनों से क्यों रखी है और जिम्मेदार अब तक कहाँ थे और ये क्या जिम्मेदारों ने उक्त गोदाम को रसूखदार व्यापारी के कब्जे में दे दिया है इसकी भी जांच होनी चाहिए ।
पकड़ी गई धान पुरानी है
जानकार किसानों ने बताया कि उक्त गोदाम में रखी उक्त धान पुरानी है जिसे लम्बे समय से यहाँ भंडारित किया गया था जबकि स्थानीय किसान अपनी धान को या तो कटवा रहे हैं या सुखा रहे हैं इतनी बड़ी मात्रा में तो अभी धान की खरीदी तक नहीं हुई हैं। जितनी धान का स्टाक धनगवां से पकड़ा गया है ।साथ ही इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर उत्तरप्रदेश की अवैध धान को राजसात किया जाने की भी मांग की गई है ।
मामला रफा दफा करने में जुटा है बिचौलिया
जब से यह मामला प्रकाश में आया है । उक्त मामले को हर तरह से रफा दफा करने में जी जान से जुटा बिचौलिया भाजपा का नेता बताया जाता है उसी रसूख की दम पर यह पूरे मामले को निपटाने में लगा है यदि ऐसी स्थिति में शासन स्तर में जल्दी कोई कार्यवाही नहीं की गई तो जनता का प्रशासन से विश्वास उठ जायेगा ।
कार्यवाही नहीं होने पर होगा जन आंदोलन
श्री दुबे ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि इस मामले की निष्पक्ष कार्यवाही नहीं होने पर जन आंदोलन किसानों को हक दिलाने किया जावेगा ।
गोदाम उपज रखने के लिए अनुपयुक्त कैसे हुई ।
धनगवाँ एवं दिनारी खम्हरिया में एक साथ एक ही ठेकदार द्वारा गोदाम बनाई गई । है जिसमे बिचौलिए ने श्री दूबे को बताया कि धनगवां वाली गोदाम किसान की उपज रखने के लिए अनुपयुक्त है , जिसमें यह बात स्थानीय किसानों ने बताई कि इसी व्यापारी ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सांठ – गांठ करके धनगवाँ वाली गोदाम को फसल रखने के लिए अनूप्युक्त घोषित करवाई है ताकि वह इस गोदाम का अपने अवैध काम के लिए उपयोग भी करता रहे और गोदाम शासकीय होने के कारण कोई इस पर संदेह भी न करे । यदि दोनों गाँव की गौदाम एक ही ठेकेदार ने एक ही समय में बनाई है तो फिर किस मानक पैमाने को आधार बनाकर धनगवाँ की गोदाम को फसल भण्डारण के लिए अनूप्युक्त बना दिया गया एवं इसकी जानकारी सार्वजानिक क्यों नहीं की गई एवं गोदाम के बाहर इसकी सूचना क्यों चस्पा नहीं है ।
यू.पी. और पंजाब की अवैध फसल का बड़ा सप्लायर है बिचौलिया ।
उत्तर प्रदेश एवं पंजाब से विगत कई वर्षों से इसी तरफ सस्ती एवं अमानक धान लाकर बिचौलिया स्टाक करता है एवं अन्य छोटे व्यापारियों को भी सप्लाई करता है , और कई जिलों तक यह कालाबाजारी चलती है , जिसमे बड़ी मात्रा में मजदूर लगाकर उत्तर प्रदेश एवं पंजाब की धान का बारदाना बदलकर मध्य प्रदेश के बारदाना में भरकर उसे मध्यप्रदेश की धान में बदलने का कारनामा इसी व्यापारी द्वारा किया जाता है , जिसमे करोड़ों का खेल खेला जाता है ।
केंद्र एवं मध्यप्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत हो रहा काम ।
एक तरफ केंद्र की सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार किसानों की स्थति सुधारने एवं उनकी उपज का सभी भंडारण एवं सही कीमत मिलने के लिए कई योजनायें चला रहे हैं लेकिन इन लालची एवं आर्थिक लोभी बिचौलियों द्वारा किसानों के साथ की जा रही धोखाधड़ी से केंद्र एवं राज्य सरकार की मंशा के विपरीत कार्य चल रहा है, ।
क्षेत्र के किसानों में भारी आक्रोश
जब सिहोरा, बहोरीबंद, मझौली तहसील के किसानों को इस बिचौलिए के काले कारनामों की भनक लगी तो क्षेत्रीय किसानों का आक्रोष इस बिचौलिए के प्रति जमकर देखने मिल रहा है और किसानों ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि यह बिचौलिया समाज सेवा और भाजपा की आड़ में लम्बे समय से यह आंख मिचौली का खेल खेल रहा है इस बिचौलिए के काले कारनामों से सरकार बदनाम हो रही है और छोटे किसानों को मजबूरन इन बिचौलियों को अपनी उपज बेचने मजबूर होना पड़ता है, ।
पाटन मझौली से टिकट की दावेदारी पेश कर चुका है बिचौलिया
ऐसी भी जन चर्चा है की अभी पूर्व के विधानसभा चुनाव में यह बिचौलिया विधानसभा क्षेत्र पाटन मझौली से अपनी टिकट की भी दोवदारी पेश कर चुका है, और अब् देखना होगा की समाज सेवा और भाजपा की आड़ में किसानों के नाम पर काले कारनामों का खेल खेलने वाले बिचौलिए पर कब तक कार्यवाही होगी, या पूरे मामले में लीपापोती करके ठंडे बस्ते में झोंक दिया जाएगा ।
इनका कहना———–
इस पूरे मामले में 4 सदस्यी जांच टीम गठित कर दी गई है जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की जाएगी, ।
आशीष पाण्डे, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा