द न्यूज़ 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। वार्ड नम्बर 11 में चल रही सप्तदिवसीय भागवत कथा के छटवें दिवस व्यासपीठ से संत प्रवर श्री सियावल्लभदास वेदांती जी महाराज ने कहा की तन की सुंदरता से बडी मन भक्ति की सुंदरता होती है जिस तरह रुकमणी ने भगवान की भक्ति कर उन्हे प्राप्त कर लिया उसी तरह जब हम भगवान की भक्ति वृत्ति,मन,बुद्वि से करेगे तो भगवान की कृपा जरुर होगी वेदांती जी महाराज ने श्रीकृष्ण रुकमणि मंगल विवाह की मिमांसा करते हुए कहा की जब भी भक्तों पर संकट आता है तब रक्षा करने भगवान किसी न किसी रुप में अवतरित होते है जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने रुकमणी से मंगल विवाह करके किया। आगे कहा की रुक्मणि विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री थी। वह भगवान श्रीकृष्ण से अनन्य प्रेम करती थी। प्रभु श्रीकृष्ण भी रुक्मणी को चाहते थे लेकिन रुक्मणि का भाई रुक्मी रुक्मणि का विवाह दुष्ट राजा शिशुपाल से तय कर दिया था तथा शिशुपाल बारात लेकर आ गया। रुक्मणि ने श्रीकृष्ण को संदेश भिजवाया। रुक्मणि सहेलियों के साथ मंदिर पूजन करने के बहाने जाती हैं।वहां भगवान श्रीकृष्ण आए और रुक्मणि का हरण कर रथ में ले गए और भगवान श्री कृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मणि के साथ हुआ। वेदांती जी ने गोपी का मतलब बताते हुए कहा की गोपी नाम रुप से परे जीव है जो अपने सभी इन्द्रियों से प्रभू की कथा का पान करे उसका नाम है गोपी तथा गोपियों की लिए श्रीकृष्ण से बडी कोई संपत्ति नही जो श्रीकृष्ण को अपने हृदय में छुपा ले उसका नाम है गोपी। आगे कहा की राम ने बनवास जाकर रामत्व की स्थापना की है जिसका श्रेय मंथरा को जाता है। अगर मंथरा ने कैकई की बुद्धि भ्रष्ट कर भगवान को बनवास न भिजवाया होता तो रामराज की स्थापना न होती कथा मेें श्री कृष्ण माता रुक्मणी के विवाह में भक्त भावविभोर होकर भगवान श्री कृष्ण की जयकारा लगाने लगे।कथा की आयोजक राधे राधे महिला सत्संग मंडल की मंजू दुबे,निर्मल दुबे,अनीता त्रिपाठी,सरोज शुक्ला,सरोज पटेल,राधिका पटेल,अनीता शुक्ला,पार्वती नायक,पार्वती यादव,मीना पटेल,विनीता दुबे,दीपा तिवारी,संजना पटेल, माधुरी त्रिपाठी,अनीता लखेरा,मंजू मिश्रा,संजना पटेल,मधु ठाकुर,राजेश मिश्रा,राजू तिवारी,अनिल दुबे,गोपाल पाठक सुनील तिवारी नंदू,प्रवीण कुररिया,सतेन्द्र तिवारी,प्रशांत बाजपेयी,गंगा पटेल आदि ने व्यास पीठ का पूजन किया।









