द न्यूज़ 9 डेस्क जबलपुर। जब बात सीएमएचओ साहब की यानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की मेंहरबानियों की हो रही हो तो स्वाभाविक है, कि मामला स्वास्थ्य विभाग से ही जुड़ा होगा और मामला भी ऐसा जिसमें आम जनता का जीवन दांव पर लगाकर जबलपुर सीएमएचओ साहब अपनी असीम अनुकंपा बरसा रहे हैं। आखिर क्या है पूरा मामला आइए जानते हैं।
पूरा मामला जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील का है जहां झोलाछाप डॉक्टरों का व्यापार धड़ल्ले से खूब फूल फल रहा है। वह भी सरकारी अस्पताल के आसपास और जमकर बड़ी-बड़ी इमारतें पूरे तामझाम के साथ सजाई गई हैं। और आप देखकर चंद मिनटों में चक्कर खा जाएंगे कि कहीं दूसरी ही दुनिया में आ गए हैं। और जहां आपको झोलाछाप डॉक्टर द्वारा स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी बस आपको अपनी जेब गर्म करके वहां जाना होगा।और तो और आप चाहो तो आपका बकायदा ऑपरेशन भी कर दिया जाएगा परंतु यह बात अलग है कि ऑपरेशन सफल हो ना हो आप झोलाछाप डॉक्टर की भेंट न चढ़ जाओ।
धड़ल्ले से सजी है झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें
सिहोरा के सिविल अस्पताल के सामने और आसपास पूरी शानो शौकत तामझाम के साथ दर्जनों झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें सजी है जिसमें आपको हर संभव इलाज भी मिलेगा परंतु उसकी शर्त है आपको अपनी जान दांव पर लगानी होगी क्योंकि पढ़े-लिखे ना खाक और सोलह दूनी आठ की कहावत यहां काम करती है और जिसका ज्ञान नहीं उसका भी इलाज खुलेआम धड़ल्ले से कर दिया जाता है।
हर मर्ज की दवा जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में
जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील में उपलब्ध झोलाछाप डॉक्टरों का द्वारा ऐसी महारत हासिल कर ली गई है कि दिल्ली मुंबई और नागपुर के बड़े-बड़े डॉक्टर उनके सामने पानी कम चाय हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि झोलाछाप डॉक्टरों के पास हड्डी टूटने पर प्लास्टर एक्सरे सोनोग्राफी जटिल रोग खांसी कफ, बड़ी से बड़ी गंभीर बीमारी, दमा, अस्थमा, के साथ पैथोलॉजी और 24 घंटे भर्ती होने के साथ-साथ ऑपरेशन की भी सुविधा उपलब्ध है।
दूसरे डॉक्टरों की डिग्रियां और प्रमाण पत्रों का सहारा, इलाज करते हैं झोलाछाप डॉक्टर।
झोलाछाप डॉक्टर द्वारा कार्यवाही से बचने का ऐसा नायाब तरीका निकाला है कि कोई उनका कुछ नहीं कर सकता ऊपर से सीएमएचओ साहब तो मेहरबान हैं ही। इन झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी पढ़ाई दूसरे प्रदेशों से करके सेटिंग से झोलाछाप की डिग्रियां ले ली और बड़े-बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों की डिग्री और प्रमाण पत्रों की फोटो कॉपी और उनके नाम के बोर्ड अपनी अस्पतालों में टांग दिए और आप जानकर हैरान होंगे कि हड्डी वाला डॉक्टर कोई,पैथोलॉजिस्ट कोई, सोनोलॉजिस्ट कोई, एमडी मेडिसिन कोई, परंतु इन सब का पूरा रुतबा बताकर मरीज के सामने झोलाछाप डॉक्टर खुद पेश होते हैं और इलाज भी करते हैं और बात ऐसी है कि उनके प्रमाण पत्र टांगने से ही उनको सब का ज्ञान हो जाता है, और वे संपूर्ण विद्या में इलाज कर लेते हैं।
सीएमएचओ साहब की असीम अनुकंपा पर चल रहा पूरा खेल
इन झोलाछाप डॉक्टरों पर जब-जब कार्रवाई की बात आती है तो सबको याद आती है सीएमएचओ साहब की असीम अनुकंपा कि और असीम अनुकंपा भी ऐसी की अनेकों शिकायतों के बाद पता नहीं ऐसा कौन सा मंत्र इन झोलाछाप डॉक्टरों ने सीएमएचओ साहब के कान में फूंका है, कि सीएमएचओ साहब मोहन धारण करके पता नहीं कहां बैठ गए हैं और चुपचाप अपनी दया दृष्टि बनाए हैं परंतु है कहाँ और कार्यवाही के नाम पर मुँह बनाए क्यों बैठे है किसी को नही पता , अब लगता तो ऐसा है कि किसी बड़े झोलाछाप डॉक्टर ने साहब का इलाज तो नहीं कर दिया जिससे उनके आँख कान काम न कर रहे हो और उनको कुछ दिखाई सुनाई न दे रहा हो।
सिहोरा वासियों ने कमिश्नर सहित कलेक्टर जबलपुर से की मांग
सिहोरा में फैले झोलाछाप डॉक्टरों के मकड़जाल से पीड़ित सिहोरा वासियों ने कमिश्नर जबलपुर बी चंद्रशेखर व नवागत कलेक्टर डोक्टर इलैया राजा टी से मांग की है कि बिना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जानकारी दिए गुपचुप तरीके से औचक निरीक्षण करके छापा मारा जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने होगा क्योंकि कार्यवाही और निरीक्षण के पहले ही झोलाछाप डॉक्टरों की सेटिंग के चलते उन्हें इनकी जानकारी लग जाती है और वे चौकन्ना हो जाते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों में खंगाले रिकॉर्ड तो पता चलेगा कितनी किसकी शिकायतें और क्यों मेहरबान हुए साहब
जब कमिश्नर साहब और कलेक्टर साहब बिना किसी को जानकारी दिए स्वास्थ्य विभाग जबलपुर के कार्यालयों में रिकॉर्डों पर नजर मारेंगे तो पता चलेगा कि झोलाछाप डॉक्टर पर कौन कितना क्यों मेहरबान है।
गरीबों के साथ हो रहा छल
गांव के रहवासी और गरीब आदमी इन झोलाछाप डॉक्टरों के तामझाम के झांसे में आ जाता है और फिर शिकार होता है झोलाछाप डॉक्टरों का और धन और धर्म दोनों खो देता है। और मौत के मुंह में समा जाता है फिर शिकायत कहां करनी है कैसे करनी है किसी को कुछ पता नहीं चुपचाप मातम मना कर भूल जाता है और इन झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद होते जाते है। आपको पता है क्यों ? क्योंकि सीएमएचओ साहब मेहरबान है।