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किसान ने खुद पकड़ी सात किलो अधिक तौल की चोरी, कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति मंडी में नहीं रुक रहा चोरियों का सिलसिला, जानते हो यहाँ होती है चोरी तो क्यों लाते हो उपज: मंडी सचिव

द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। कृषि उपज मंडी सिहोरा में कांटे में हेराफेरी कर किसानों की खून पसीने से कमाई उपज को अधिक तौल कर चोरी करने का सिलसिला नहीं थम रहा है। गत शनिवार को एक किसान ने खुद उडद की अधिक तौल की चोरी को पकड़ा। किसान की शिकायत पर मंडी प्रशासन ने मौके पर पंचनामा बनाया। जिसमें तुलावटी और हम्माल की मिलीभगत की बात सामने आई। और केवल कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति ही कि जा रही है।

यह है पूरा मामला

ग्राम जुनवानी कला निवासी किसान भूपेंद्र पटेल ने बताया कि वह शनिवार को कृषि उपज मंडी में उड़द की 21 कट्टी बेचने के लिए लाया था जिसमें तौल 19 कट्टी की थी। पर्ची के आधार पर 19 कट्टी से अधिक निकली। जिसमें पर्ची 11 क्विंटल 40 किलो की बनाई, लेकिन मैंने दोबारा जांच कराई तो 11 क्विंटल 47 किलो निकली। लगभग 7 किलो उडद क्रेता फर्म बैष्णवी ट्रेडिंग कंपनी के तुलावटी और हममाल ने मिलकर अधिक तौल कर चोरी कर ली। संबंधित किसान ने मामले की शिकायत कृषि उपज मंडी सचिव को की।

मौके पर बना सिर्फ पंचनामा,कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति

उड़द की अधिक तौल कर चोरी के मामले में मंडी प्रशासन ने मौके पर पंचनामा तो बना दिया लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ तुलावटी के लाइसेंस निरस्त करने की खानापूर्ति कर दी गई। जिसको लेकर किसानों में आक्रोश देखा गया।

जब जानते हो मंडी में चोरी होती है तो क्यों लाते हो उपज: मंडी सचिव

उक्त मामले में सबसे ज्यादा रोचक और महत्वपूर्ण बात सामने आई कि किसान भूपेंद्र पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि जब उन्होंने मंडी सचिव से इस बारे में चर्चा की तो मंडी सचिव ने किसान को जबाव दिया कि जब जानते हो सिहोरा मंडी में चोरी होती है। तो क्यों अपनी उपज यहाँ बेचने आते हो। इस बात से तो यह प्रतीत होता है कि मंडी सचिव को जानकारी भी है और उन्हें कार्यवाही करने के नाम पर मामलों की लीपापोती करते ही बनता है। बस क्योंकि इसके पूर्व भी अनेक मामलों में मंडी सचिव सचिव की कार्यवाहियों को देखा जाए तो उन्होंने मात्र खानापूर्ति ही कि है। और जिस तरीके से किसानों के प्रति जबाबदेही मंडी सचिव की होनी चाहिए वह न होकर उन्होंने उल्टी ही बात किसान से कही थी। क्योंकि मंडी सचिव कार्यवाही तो कर नहीं पा रही और मंडी में हो रही चोरियों को रोकने की जगह उल्टा किसानों को रोकने का प्रयास कर रही है ऐसा प्रतीत हो रहा है। ताकी किसान अपनी उपज मंडी में न लाए और बाहर व्यापारियों को व्यपारियो के मनमाने दामों में बेचने मजबूर हो जाये। और मंडी में सचिव पद पर बैठी मैडम को खानापूर्ति भी न करना पड़े। क्योंकि किसान आएगा ही नहीं तो खानापूर्ति भी न करनी पड़ेगी। क्योंकि कार्यवाहियां तो मैडम से होती नहीं है। और कार्यवाही की खानापूर्ति भी न करना पड़े।

इसके पहले भी अधिक तौल कर चोरी के हो चुके हैं कई मामले

आपको जानकरी के लिए बता दे कि कृषि उपज मंडी में अपनी उपज बेचने आए किसानों के साथ इलेक्ट्रॉनिक कांटे में छेड़छाड़ कर उनकी उपज की अधिकतर तौल कर चोरी के कई मामले सामने आए किसानों ने मंडी प्रशासन से इसकी शिकायत भी की लेकिन पंचनामा कार्रवाई के बाद संबंधित तुलावटी का सिर्फ लाइसेंस निरस्त किया गया, जबकि यह सीधा-सीधा चोरी का मामला है जिसमें एफ आई आर दर्ज होना चाहिए। बड़ा सवाल यह भी है कि मंडी प्रशासन इलेक्ट्रॉनिक कांटो का सत्यापन तक नहीं कर रही। मंडी प्रशासक एसडीएम सिहोरा ने सख्त निर्देश दिए थे कि मंडी में होने वाली उपज की खरीदी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक कांटों का सत्यापन मंडी प्रशासन करेगा। लेकिन ऐसा कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा और किसान लुट रहा है।

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