द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। शिक्षा के नाम पर व्यापार करने वाला शिक्षा माफिया अधिकरियों की मिली भगत और सांठगांठ के चलते सेंटिंग से स्कूल संचालन की मान्यता तो ले लेता है। परंतु उसके बाद अधिकारियों की जेब भी गरम करता रहता है। और मिली भगत के चलते अधिकारियों द्वारा बडे़ बडे आश्वासन और कागजी खाना पूर्ति कर दी जाती है। इसका जीता जागता उदाहरण है सिहोरा खितौला में बिना मापदंडों और नियम कानून को दरकिनार करके संचालित अनेक स्कूल है। जहां शिक्षा विभाग और उनके जिम्मेदार अधिकारी मिलीभगत और सांठगांठ से अनेक स्कूलों का धड़ल्ले से संचालन करा रहे है और कार्यवाही के नाम पर इन अधिकारियों के हाथ पैर फूल जाते है।
बिना मापदंडों के अनेक स्कूलों का हो रहा संचालन
सिहोरा में जेल मार्ग स्थित, मृगनयनीय मार्ग स्थित, एवं खितौला में वन विभाग के पास, सिहोरा थाने के पास सहित ऐसे अनेक स्कूलों का धड़ल्ले से संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। और इन पर कार्यवाही करने वाले अधिकारियों की मिलीभगत के चलते केवल खानापूर्ति ही होती है।
न पार्किग का पता न खेल मैदान और न अनुभवी शिक्षक फिर भी सेंटिंग से चल रहा स्कूल
इन बिना मापदंडों के संचालित स्कूलों में न ही पार्किग है। और न खेल मैदान और न ही अनुभवी शिक्षक फिर भी सेंटिंग और मिलीभगत और सांठगाठ के चलते ऐसे स्कूलों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है।
पुराने बीड़ी कारखाने में संचालित हो रहा स्कूल
खितौला का मस्जिद मार्ग स्थित एक स्कूल पुराने बीड़ी कारखाने में हो रहा संचालित, तो जेल मार्ग में घरों में चल रहे स्कूल
खितौला मस्जिद मार्ग में पुराने बीड़ी कारखाने में एक निजी स्कूल का संचालन अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। इस स्कूल प्रबंधन के पास न तो स्वयं का पार्किंग स्थल है। न खेल मैदान और न ही अनुभवी शिक्षक है ऐसा ही जेल मार्ग मृगनयनीय मार्ग में स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
कार्यवाही से बचने राजनिीत का सराहा
कार्यवाहियों से बचने के लिए इन स्कूल संचालकों ने राजनिति का सहारा लेना प्रारंभ कर दिया है और एक संगठन के नगर अध्यक्ष बनकर विद्याथियों के हित की लड़ाई का ढोग भी करने लगे है। जबकी इनके पूर्व में कोई अता पता नहीं था। और अब कार्यवाहियों से बचने के लिए यह सब ढ़ोग भी चालू कर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया था आश्वासन टीम बनाकर करेगें कार्यवाही, परंतु सब मिली से ठंडे बस्ते में को गई कार्यवाही
जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घन्श्याम सोनी द्वारा गत माह ऐसे स्कूलों पर टीम गठित करके कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था, परंतु आश्वासन और कार्यवाही दोनेो ठंडे बस्ते में झोक दी गई। और न ही सिहोरा विकास खंड शिक्षा अधिकारी और बीआरसी को कार्यवाही की फुर्सत सबकी मिलीभगत से यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है। क्योकि खबरों के माध्यम से इन अधिकारियों तब भी जानकारी पहंुची थी और उन्होने भी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। परंतु मिलीभगत और सांठगांठ के चलते सब पर लीपापोती कर दी गई।
तत्काल कार्यवाही की मांग
नगर के गणमान्य नागरिकों ने जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है। कि ऐसे स्कूल संचालकों और ऐसे स्कूलों पर कठोर कार्सवाही करते हुए तत्काल ऐसे स्कूलों को बंद कराया जाए और निर्धारित मापदंड़ों के आधार पर ही स्कूलों का संचालन किया जाए।
इनका कहना है।
के के व्ही स्कूल की जांच कराई जाएगी। और शिक्षा विभाग के मापदंडों को अगर पूरा नहीं करता है। तो उस पर जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी ।
अशोक उपाध्याय, बीईओ, सिहोरा।