द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर। बिना ज्ञान और वैराग्य के भक्ति नहीं आती। भगवान से संबंध स्थापित करने के लिये ज्ञान की आवश्यकता है। ज्ञान जब परिपक्व होता है तो विवेक कहलाता है और विवेक वो तेज तलवार है जो अज्ञान से होने वाले मोह और उससे पैदा होने वाले अहंकार को जड़ से काट देता है। और जब कई जन्मों का पुण्य संचित होता है तो सत्संग मिलता है। अतः मनुष्य को इस भवसागर से पार होने के लिए सदैव परम पिता परमेश्वर को याद करते हुए सत्संग करते रहना चाहिए। ऐसा करने से भगवान की भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है। भागवत के पाठ से कलियुग के समस्त दोष नष्ट हो जाते हैं । इसके श्रवण मात्र से हरि हृदय में आ विराजते हैं। उक्त उद्गार नंदन विहार कॉलोनी त्रिमूर्ति नगर दमोह नाका में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास आचार्य पंडित वेदांत जी महाराज ने व्यक्त किये।
इसके पूर्व व्यास पीठ का पूजन कमला पाली कपिल पाली एवं अमित पाली द्वारा किया गया।
श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास ने जड़ भारत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भरत जी परम संत थे अतः एक पवित्र ब्राह्मण के घर उनका यह अंतिम जन्म जडभरत के रूप में हुआ। उन्हें पूर्वजन्म का ज्ञान था कि हिरण की माया में फँसने के कारण उन्हें पशुदेह धारण करनी पड़ी थी। अतः वे इस जन्म में किसी से भी बोलते नहीं थे। वे हर समय श्रीभगवान के युगल चरणकमलों को ही हृदय में धारण किये रहते थे।भरत जी के पिता ने उन्हें पंडिताई पढ़ाई परन्तु वे जानबूझकर मंत्रोच्चारण अच्छे ढंग से नहीं करते थे क्योंकि वे अपना ज्ञान प्रसिद्ध नहीं करना चाहते थे। माता-पिता के शरीर त्यागने पर उनके भाई ने इन्हें पढ़ाने-लिखाने का आग्रह भी छोड़ दिया। भरत जी को मान अपमान का कोई विचार न था। जड़ भरत किसी कर्म बंधन में फँसना नहीं चाहते थे। भाई उनसे जो भी कार्य करने को कहते, वे उसका उल्टा ही करते। खेत में मेढ़ बनाने को कहते तो गड्ढा बना देते। खेत की रखवाली करने को कहते तो वह यह कहते थे कि राम की चिरैया राम जी को खेत खाओ चिरैया भर भर पेट …।
इसी तरह से कथा व्यास ने कपिल अवतार का भी उपस्थित जनमानस के बीच वर्णन किया गया।
कृष्ण जन्मोत्सव आज
नंदन विहार कॉलोनी त्रिमूर्ति नगर दमोह नाका में विगत एक अप्रैल से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस पर कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा एवं गजेंद्र मोक्ष समुद्र मंथन वामन अवतार श्री राम अवतार पर भी वर्णन किया जाएगा।
