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गुटबाजी की शिकार कांग्रेस विधानसभा जीतने के देख रही सपने, पार्षदी तक हारी फिर विधायक की तैयारी,

गुटबाजी की शिकार कांग्रेस विधानसभा जीतने के देख रही सपने, पार्षदी तक हारी फिर विधायक की तैयारी,

द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। आवाज़ दो हम सब एक है। के नारे पर हुंकार लगाने वाला गुटबाजी का शिकार सिहोरा कांग्रेस संगठन  इन दिनों सिहोरा में चर्चा का विषय बना हुआ है,
हाल ही मे नवरात्र एवं दशहरा पर्व को लेकर पुराना बस स्टैण्ड में टंगे बड़े बड़े बैनरों में गुटबाजी का नजारा साफ झलकता नजर आ रहा है। जो आमजनता के साथ साथ खुद कांग्रेस संगठन में चर्चा का विषय बना है।
जहां पुराना बस स्टैण्ड में नवरात्र और दशहरा को लेकर अलग अगल बड़ी बड़ी फोटो वाले बैनर सिहोरा के  कांग्रेस संगठन की वास्तविकता को  दिखा रहे है। और बड़े बड़े बैनरों को देखकर आवा़ज दो हमसब एक हैं का नारा किसी को हज़म नहीं हो रहा।

गुटबाजी के कारण विधानसभा चुनाव में खूटी पर टंग गए थे कुर्ते

अभी पिछले वर्ष ही विधानसभा चुनाव के दौरान गुटबाजी की शिकार सिहोरा कांग्रेस में अनेंक कांग्रेस नेता ही अंदर से कांग्रेस का ही विरोध करते रहे तो कुछ नेता जीत की हवा में ऐसे उड़ गए की उनकी आवाज़ भी कड़की में चल रही है। तो कई नेताओं को पार्टी से निष्कासित कराने में कांग्रेस के खुद पसीना निकल गया था। और गत वर्ष के चुनाव ने तो सिहोरा के अनेक नेताओं को विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा तो गुटबाजी के चलते कुछ भाग खड़े हुए, और कुछ नेताओं के नए नवेले कुता पैजामा तक घरों की खुटिया में टंगवा दिए तो कुछ नेताओं के कुर्ता पैजामा आलमारियों में धूल खाते रंग उड़ा रहे है।

सिहोरा की पार्षदी में भी था जोरदार नजारा

नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भी गुटबाजी की शिकार कांग्रेस अपने पक्ष में जीत का माहौल समझकर अंदर ही अंदर एक दूसरे वार्डों में विरोध के विगुल बजाती रही और अंत में अनेक वार्डों से हार का सामना करना पड़ा।

बड़े नेताओं के सामने एकजुटता का दिखावा और टुकड़ो में स्वागत

जब जब सिहोरा विधानसभा में किसी बड़े कांग्रेस के नेता का आगमन होता हैं तब भी उन नेताओं को समझ नहीं आता और अनेक स्थानों में टुकड़ों में उस बड़े नेता का स्वागत होता है। तो कुछ रूठे फिरते है। तो कुछ गुट में अपनी अपनी फोटों चिपकाकर भव्य कार्यक्रम होने का प्रदर्शन करते नजर आते है। । और दिखावा के लिए आवाज आती है। हम सब एक है। और उस बड़े नेता के सिहोरा से जाने के बाद फिर वहीं पुराना गुटबाजी का रंगारंग कार्यक्रम शुरू हो जाता है और सब अपनी अपनी रोटी सेंकने में लग जाते हैं।

सिहोरा के ज्वलंत मुद्दों पर ज्ञापन तक सिमित कांग्रेस संगठन

सिहोरा विधानसभा क्षेत्र के अनेक ज्वलंत मुद्दे जिनमें प्रमुख्य रूप से सिहोरा के 100 विस्तर के अस्पताल, सरकारी खजाने की होली, और नगर विकास में पंख लगाने वाले विकास रूपी निर्माण कार्याे और तहसील सिहोरा के जिम्मेदार अधिकारियों का जबलपुर से आवागमन पर सिहोरा कांग्रेस संगठन  का पता नहीं है। बस मौन नज़ारा देखेने में लीन है।  सिहोरा का कांग्रेस संगठन बस अपने गुट के चार को पकड़ कर ज्ञापन सौंपने और किसी नेता की जंयती मनाने तक सिमट कर रह गया  है। ऐसे में गुटबाजी का  शिकार सिहोरा कांग्रेस का संगठन विधानसभा जीतने  का सपना देखकर कब तक ख्याली पुलाव पकाता  रहेगा ।

 

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