शासन के नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां….
कोई भी निजी भूमि का स्वामी किसी आम रास्ते को प्रभावित नहीं कर सकता
स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत के नियमों का नहीं हो रहा पंचायत द्वारा पालन
मझौली की ग्राम पंचायत हरदुआ बंधा का मामला
बड़ा सवाल ऐसे में कैसे होगा पीएम मोदी का स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का संदेश..??
द न्यूज 9 डेस्क मझौली। पारस गुप्ता। ताजा मामला जबलपुर जिले की मझौली तहसील के अंतर्गत आने वाली हरदुआ बंधा ग्राम पंचायत का है जहां ,सरकारी स्कूल के सामने पड़ी जमीन पर अपना मालिकाना हक बताने वाली माया पाठक ने अपनी बाड़ी को इस तरीके से तार बाउंड्री कर उसको अपने कब्जे में लिया है।जिससे ग्रामीणों को आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया है पंचायत द्वारा बनाई गई सी सी रोड से पहले ग्रामीण खुश थे कि रोड़ तो बन गई है लेकिन अब माया पाठक कि कब्जे वाली जगह से लोग इतना परेशान हो गए है कि उनको अब सी सी रोड तो नही दिखती है दिखता है तो सिर्फ उसमें नाली का गंदा मलबा ,वही सचिव और सरपंच से ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन सरपंच और सचिव भी दबंगों का साथ देते नजर आ रहे है। और जब ग्राम के सचिव से जानकारी चाही गई तो सचिव कहता है हमारे पास टाइम नही है
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सचिव लोकनाथ चैधरी को उसी के दलित मोहल्ले के लोगों ने शिकायत तो कई बार की लेकिन वह भी माया पाठक के सामने नतमस्तक नजर आ रहा है। वहीं बुजुर्गों का कहना है कि शासन को क्या सिर्फ हम चुनाव में नजर आते है हमारी जिंदगी यहां नर्क है। गांव में साफ सफाई बिल्कुल नहीं होती , यहां अधिकारी झांकने नही आए,जबकि इन सात सालों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है इसकी कोई गारंटी से जांच कर ले सब दूध का दूध हो जाएगा।
गांव के बुजुर्गों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आम रास्ता सैकड़ों वर्षों से रहा है जबसे हमने देखा है इसी आम रास्ते से सब जाते थे लेकिन अब यह टोटल बंद हो चुका है इसमें मलबा और गंदगी रहती है, वैसे भी इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है जो जानलेवा है ,सरकार ,स्थानीय प्रशासन और स्थानीय विधायक भी कभी ग्रामवासियों की खोज खबर लेगे तो उन्हें दिखेगा की किसी की दबंगता से आज ग्रामीण कितने परेशान है।
यदि यह आम रास्ता नहीं खुला तो आने वाले पंचायत चुनाव में कोई भी गांव का व्यक्ति वोट डालने नही जाएगा। क्योंकि जब गांव में विकास नहीं हुआ ना कोई योजना से गांव के लोगों का भला हुआ तो क्या मतलब हमारे वोट डालने का।
एकतरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत का नारा देते है। जिसके लिए शिवराज सरकार जबलपुर जिले में और हर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाखों करोड़ों के पैकेज केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजे जाते है। इसका असर क्या देखने मिल पा रहा है….??
लेकिन क्या यह नारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कारगर साबित हो रहा है इसकी पड़ताल करने जब पत्रकार पहुंचे तो उन्होंने ना स्वच्छ भारत का संदेश देखा बल्कि देखा तो पुरे गांव में सिर्फ गंदगी,ग्राम पंचायत के सरपंच नवल किशोर भूमिया और सचिव लोकनाथ चैधरी सिर्फ भ्रष्टचार में ध्यान देते है गांव के विकास से उन्हें कोई मतलब नही है।
क्या है समस्या का समाधान..??
ग्रामीण विकास के लिए एक बड़ी गहरी नाली का निर्माण चाहते है जिससे सारे गांव का पानी निकासी हो सकें,
लेकिन पंचायत द्वारा ध्यान बिल्कुल भी नही दिया जा रहा है कह कर टाल दिया जाता है कि लेबर नही है ,बजट नहीं और अब बारिश में कुछ समय ही बचा है।
अब देखना होगा कि इसमें क्या प्रशासन और शासन कितना हरकत में आता है और ग्राम पंचायत हरदुआ बंधा के ग्रामीणों की कब तक न्याय मिल पाता है