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सिहोरा जिला आंदोलन:- क्रमिक भूख हड़ताल के साथ सिहोरा जिला आंदोलन की शुरुआत 6 दिसंबर से प्रमोद जी साहू का अन्न सत्याग्रह और 9 दिसंबर से आमरण सत्याग्रह

सिहोरा जिला आंदोलन:- क्रमिक भूख हड़ताल के साथ सिहोरा जिला आंदोलन की शुरुआत 6 दिसंबर से प्रमोद जी साहू का अन्न सत्याग्रह और 9 दिसंबर से आमरण सत्याग्रह

द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। सिहोरा जिला बनाने की वर्षों पुरानी मांग अब निर्णायक संघर्ष के चरण में प्रवेश कर चुकी है। लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने घोषणा की थी कि 3 दिसंबर से क्रमिक भूख हड़ताल की शुरुआत होगी, जिसमें प्रतिदिन अलग-अलग सामाजिक, व्यापारी और युवा समूह भाग लेंगे। जिसके आंदोलन के प्रथम चरण पर आज सिहोरा जिला की मांग को लेकर आंदोलनकारियों का पहला जत्था आज अनशन पर बैठ कर आंदोलन की शुरूआत की गई।

पहले जत्थे मे अनिल जैन, शिव कुमार गर्ग, सुशील जैन, प्रदीप मामा कुररिया, आनंद प्रकाया जैन, शिशिर पाण्डे, बबलू सोनी, गौरीहर राजे, मदन मोहन रजक, निसार अहमद अंसारी, मोहन सोधिंया, भावेश गुप्ता, कृष्ण कुमार कुररिया, यश कुमार, आनंद पटेल, अखिल गुप्ता, रमाशंकर चौरसिया, प्रदीप दुबे, शिन पटेल, भरत नामदेव क्रमिक भूख हड़ताड़ पर बैठे।
आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा केवल आश्वासन दिए गए, लेकिन जिला गठन पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनता में नाराज़गी लगातार बढ़ रही है, इसी के चलते आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से तेज करने का फैसला लिया गया है।

6 दिसंबर से प्रमोद जी साहू का अन्न सत्याग्रह

आंदोलन को और मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद जी साहू ने ऐलान किया है कि वे 6 दिसंबर से अन्न त्यागते हुए अन्न सत्याग्रह की शुरुआत करेंगे।
उनका कहना है कि सिहोरा की उपेक्षा अब असहनीय हो चुकी है और जिले की मांग पूरी तरह न्यायसंगत है। उनका सत्याग्रह आंदोलन में वैचारिक और नैतिक शक्ति जोड़ेगा।

9 दिसंबर से आमरण सत्याग्रह

आंदोलन समिति ने यह भी घोषित किया है कि 9 दिसंबर से प्रमोद जी द्वारा जल का भी त्याग करते हुए आमरण सत्याग्रह की शुरुआत की जाएगी।
कई वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं और युवाओं ने आमरण सत्याग्रह में शामिल होने की घोषणा कर दी है।

समर्थन बढ़ा, आंदोलन निर्णायक मोड़ पर

व्यापारी संगठनों, समाजसेवी संस्थाओं, गाँव-गाँव की समितियों और युवाओं ने आंदोलन के तीनों चरणोंकृक्रमिक भूख हड़ताल, अन्न सत्याग्रह और आमरण सत्याग्रहकृका समर्थन किया है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि सिहोरा की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक आवश्यकताओं को देखते हुए जिला बनाया जाना अब अत्यंत आवश्यक है।

आंदोलन समिति ने जनता से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में पहुँचकर सत्याग्रह और आगामी चरणों को सफल बनाएं, ताकि सिहोरा जिला बनाने की आवाज़ सरकार तक और अधिक मज़बूती से पहुँचे।

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