भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने सिहोरा तहसील मार्ग पर किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय में जमकर नारेबाजी, मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा
द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा।

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले सिहोरा और मझौली तहसील के सैकड़ों किसानों ने बुधवार दोपहर सिहोरा तहसील कार्यालय मार्ग पर पराली जलाने पर एफआईआर और रजिस्ट्रेशन रद्दीकरण के आदेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद किसानों ने एसडीएम कार्यालय में जमकर नारेबाजी की और अपनी समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। किसानों का कहना है कि वे कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन शासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
एक सप्ताह में समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तय
किसानों ने चेतावनी दी कि यदि शासन ने उनकी मांगों पर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं की, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। ज्ञापन में पराली जलाने संबंधी 6 अक्टूबर 2025 के आदेश को तत्काल स्थगित करने, पराली निष्पादन हेतु तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने, रासायनिक खाद वितरण प्रणाली में सुधार और कृषि पंपों की विद्युत आपूर्ति नियमित करने की मांग की गई है।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख किसान नेता
सिहोरा ब्लॉक अध्यक्ष विनय पटेल, मझौली ब्लॉक अध्यक्ष अनिल पटेल, अखिलेश शारदानंद, ओमप्रकाश पटेल, वीरेंद्र पटेल, चंद्रजीत पटेल, भारत पटेल, अवसर पटेल, लक्ष्मीनारायण पटेल, संदीप पटेल, अरविंद पटेल, सुनील पटेल, बिहारी पटेल, राजेश चौबे, भारतीय किसान संघ तहसील अध्यक्ष सुरेश पटेल, भारत कृषक समाज संरक्षक सुबोध पांडे, सिहोरा तहसील अध्यक्ष रामगोपाल पटेल, अर्जुन सह लोधी, लइक अहमद कुरैशी, महेंद्र पटेल सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।
सरकार का आदेश तानाशाही
“पराली जलाने पर प्रतिबंध बिना किसी तैयारी के प्रदेश की भाजपा सरकार का तानाशाही आदेश है। किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने, रजिस्ट्रेशन निरस्त करने और खरीदी रोकने की बातें अमानवीय हैं। यदि यह आदेश सप्ताह भर में वापस नहीं लिया गया, तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।”
रमेश पटेल, जिला अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) जबलपुर
किसानों की प्रमुख मांगे
पराली जलाने संबंधी शासन आदेश स्थगित किया जाए।
रासायनिक खाद वितरण प्रणाली में सुधार हो।
कृषि विद्युत पंपों का हार्सपावर पूर्ववत किया जाए और ट्रांसफार्मर बदले जाएं।
नहरों की मरम्मत व सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए।
ई-पंजीयन की तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
धान-गेहूं के लंबित भुगतानों का शीघ्र भुगतान हो।
सोनू वांगचूक की बिना शर्त रिहाई की जाए।









