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धड़ल्ले से चल रहा अवैध उत्खनन, मूक दर्शक बने जिम्मेदार अधिकारी

द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। इन दिनों सिहोरा खितौला के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध उत्खनन जोरो पर है, ग्राम पंचायत देवनगर ग्राम देवनगर पटवारी हल्का देवनगर के खसरा नंबर 576 जो शासकीय पहाड़ के नाम से दर्ज है। जिस खसरे में एक बड़ा हिस्सा स्थानीय आबादी के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास की कॉलोनी स्थानीय नल जल योजना आदि संचालित है! और उसमें धडल्लंे से अवैध उत्खनन चल रहा है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा, वन परिक्षेत्र अधिकारी सिहोरा, पुलिस थाना गोसलपुर को देते हुए बताया कि उक्त खसरे में जबलपुर का कोई सतीश यादव नाम का व्यक्ति अवैध खनन कर रहा है। उक्त लोगों द्वारा रात में मशीन एवं हाईवा लगाकर अंधाधुंध अवध्ेा खनन किया जा रहा है जिससे क्षेत्र की शांति भंग हो रही है साथ ही साथ नियमों का पालन किए बगैर अंधाधुंध खनन करने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवैध खनन के कार्य में मिलीभगत है, जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है। प्रशासन के नुमांइदो की सहमति के बगैर इतना बड़ा अवैध खनन मुमकिन नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके द्वारा प्रशासन को बार-बार अवगत कराया जा रहा है, इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अंधाधुंध अवैध खनन हो रहा है इसके बावजूद प्रशासन और जिम्मेदार आंख पर पट्टी बांधकर बैठा है। अवैध खनन करने के लिए क्षेत्र के पहाड़ों के हरे भरे वृक्षों को अधिकारियों के मनमाने आदेश के तहत काटा जा रहा है। जिसमें राष्ट्रीय वनोंपज महुआ जैसे पेड़ों को भी नहीं बक्शा गया।

आपको जानकारी के  लिए बता दे कि ऐसे पेड़ों को काटने की अनुमति हल्का पटवारी एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी की सहमति से न्यायिक दंडा अधिकारी द्वारा दी जाती है ! किंतु उक्त अनुमति के लिए तथ्यों को छुपा कर हल्का पटवारी और वन विभाग के कर्मचारी जर्जर पेड़ दर्शाकर अनुमति दिलाने में पेड़ों को काटने की अनुमति दिलाने में खनन माफिया की मदद कर रहे हैं। जिससे उन्हें आसानी से न्यायालय से पेड़ काटने की अनुमति मिल जाती है और उनका रास्ता साफ हो जाता है! यह खेल क्षेत्र के हर खदान माफिया के द्वारा किया जा रहा है, जिसमें सभी शासकीय कर्मचारी अधिकारियों की मिली भगत रहती है जिससे क्षेत्र का वातावरण दिनों दिन प्रदूषित होता जा रहा है, वैध खनन करने के लिए शासन के साथ-साथ ग्राम सभा की अनुमति की भी आवश्यकता होती है जिसमें आरक्षित क्षेत्र का नक्शा एवं खनन पट्टा व खनन करने वाली कंपनी का नाम माइंस ऑनर के पता खसरा नंबर रकवा आदि दर्शित किया जाता है! जो कि उक्त खनन करने वालों के द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है! जिससे ग्रामीणों में शंका हैं ग्रामीणों ने उक्त बिंदुओं को उठाते हुए संबंधित विभागों को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है, कार्रवाई न होने पर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
ज्ञापन के अवसर पर पूर्व सरपंच विजय पटेल, जनपद सदस्य शिवनारायण कोरी ,राम विशाल कोरी, राममिलन कुशवाहा ,अनंत राम पटेल ,अभिषेक कुशवाहा सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।

इनका कहना

अभी मैं  जबलपुर कलेक्टर मीटिंग में हूं इस संबंध में बाद में बात करूंगा।

धीरेंद्र कुमार सिंह, अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा

 

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