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कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न रहे वंचित : कलेक्टर, दौरे पर शिक्षाविहीन मिले भाई बहन को शाला प्रवेश कराने स्वयं पहुंचे कलेक्टर

द न्यूज 9 डेस्क।कटनी।पप्पू उपाध्याय।  अप्रवेशी बच्चों और अधूरी पढ़ाई छोड़ कर शाला त्याग चुके बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने शासन द्वारा सोमवार से प्रारंभ किए शाला प्रवेशोत्सव को जमीनी स्तर पर प्रभावी और मजबूत बनाने कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र सहित शिक्षा विभाग से जुड़े सभी शासकीय कर्मियों को निर्देशित किया गया है। इतना ही नहीं कलेक्टर श्री प्रसाद स्वयं शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने सूक्ष्म और सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
विकास और रिंकी का कराया प्रवेशोत्सव
बच्चों और दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा गत 21 मार्च को ओला और वृष्टि से प्रभावित फसलों का मुआयना किया जा रहा था। इस दौरान वे एनकेजे समीप ग्राम खिरवा में 9 वर्षीय विकास आदिवासी और उसकी बहन 6 वर्षीय रिंकी से मिले। जहां उन्होंने दोनों से स्कूल जाने संबंधी जानकारी ली। जिसमें उन्हें पता चला कि रिंकी का प्रवेश अभी विद्यालय में नहीं हुआ है और कोविड 19 के बाद से विकास ने भी स्कूल जाना बंद कर दिया है। जिस पर कलेक्टर अवि प्रसाद ने तत्काल दोनों का दाखिला शाला में कराने निर्देशित किया।
ब्रिज कोर्स से कराएं अधूरी पढ़ाई पूरी
कलेक्टर के निर्देशों के परिपालन में जिला शिक्षा केंद्र द्वारा मंगलवार को शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम दौरान दोनों बच्चों विकास और रिंकी को शाला में प्रवेश दिलाया गया। कलेक्टर श्री प्रसाद ने स्वयं शासकीय विद्यालय एनकेजे पहुंच कर दोनों बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाया और उन्हें स्कूल बैग प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने विकास और उस जैसे अन्य बच्चों की अधूरी पढ़ाई को ब्रिज कोर्स के माध्यम से पूरा कराने के लिए डीपीसी के के डेहरिया को निर्देशित किया।
सभी की सहभागिता जरूरी: कलेक्टर
इस मौके पर कलेक्टर अवि प्रसाद ने समस्त जनता से अपील की है कि वे भी शासन द्वारा चलाए जा रहे इस पुण्य महा अभियान का हिस्सा बने और उन्हें अपने आसपास किसी भी ऐसे बच्चे की जानकारी लगती है जिसका उचित उम्र के बाद भी शाला में प्रवेश नहीं हुआ है या किन्हीं कारणों से शिक्षा अधूरी छोड़कर शाला त्याग चुका है तो इसकी जानकारी साझा करें। जिससे ऐसे बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी दिव्यांग बच्चा अपनी दिव्यांगता की वजह से शिक्षा से वंचित न रह जाए, इस ओर भी उनके द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

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