सच की आवाज़.

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छात्र- छात्राओं की थाली से गायब हुई “दाल” , स्कूल के किचन में चल रही किराना दुकान, क्या बच्चों को ऐसे मिलेगा पोषण आहार?

द न्यूज़ 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को दिए जाने वाला मध्यान्ह भोजन मीनू के हिसाब से नहीं दिया जा रहा है।और समूह संचालक के आगे जिम्मेदार भी अंजान है। ताजा मामला सिहोरा के वार्ड नंबर 11 स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। मध्यान्ह भोजन के मीनू के मुताबिक शुक्रवार को छात्र-छात्राओं को रोटी के साथ मूंग की दाल और सूखे मटर या चने की सब्जी परोसा जाना था, लेकिन छात्र छात्राओं की थाली से दाल गायब थी।

मौके पर मध्यान भोजन परोस रही महिलाओं से जब संबंधित मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले समूह का नाम पूछा गया तो महिलाओं को समूह का नाम तक मालूम नहीं था। उन्होंने बताया कि हम 1000 रुपए में नौकरी कर रहे हैं। हमें जो समूह के लोग भोजन बनाने के लिए कहते हैं वैसा ही भोजन हम बनाकर बच्चों को वितरित कर देते हैं।

किचन में संचालित हो रही किराना दुकान

बच्चों को भोजन बनाने के लिए बनाई गई किचन शेड में किराना दुकान संचालित हो रही थी। वही समूह बच्चों को खाना तो अच्छा नहीं परोस पा रहे, लोक लुभावन कुरकुरे चिप्स आखिर किसकी परमिशन से बेचे जा रहे हैं। जहां सरकार बच्चों को बेहतर पोषण आहार देने की कोशिश कर रही है। निजी समूह मनमानी कर के बच्चों को बीमार करने वाली खाद्य सामग्री परोस रहे हैं।

चूल्हे में बन रहा बच्चों का खाना
प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चों का भोजन गैस चूल्हे में बनना चाहिये ताकि पढ़ने वाले बच्चों को गंध और धुंआ का सामना न करना पड़े परन्तु समूह के अड़ियल रवैये के कारण भोजन चूल्हे में ही बनाया जाता है

नेतागिरी की आड़ में चल रहे समूह की मनमानी
विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वार्ड नं 11 में संचालित समूह सिहोरा की ही एक महिला द्वारा संचालित है और वह सिहोरा के नामी नेताओं की आड़ और धौंस दिखाकर मनमाने तरीके से कार्य करती है। 100 से अधिक इस स्कूल के बच्चों को भोजन कराने का कार्य इस समूह के पास है और 3 रसोइयों को खाना बनाना चाहिए परन्तु 1 या 2 रसोइये ही खाना बनाते है, रसोई में कार्य करने वालों के नाम भी दर्ज नहीं है। और विद्यालय के अंदर ही किचन से छोटी किराना दुकान भी संचालित की जा रही है। और सरकार पोषण आहार की बात कर रही है तो वहीं समूह की मनमानी से फर्जी कंपनियों के चिप्स कुरकुरे बेचकर समूह संचालक तो अपनी जेब गर्म कर रहे है। परन्तु उसको खाने वाले बच्चों की सेहत की किसी को चिंता नहीं है। और यह सब खुले आम चल रहा है। क्योंकि समूह चलाने वाली महिला सिहोरा के नेताओं की खासमखास है।

नगरपालिका के अधिकांश स्कूलों में नहीं होता मीनू का पालन

नगर पालिका सिहोरा के अधिकतर स्कूलों में भोजन वितरण करने वाले समूह मनमानी कर रहे हैं। अधिकतर समूह घर से ही खाना बनाकर लेकर आते हैं जबकि स्कूलों में बकायदा इसके लिए किचन सेट बनाई गई है। वहीं शिक्षा विभाग, नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारी, और स्कूल का स्टाफ बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की जांच करते हैं और ना ही समूह की।

इनका कहना

मध्यान भोजन में जो मीनू निर्धारित है उसके मुताबिक ही समूह को बच्चों को भोजन वितरित करना है। बच्चों को मीनू के मुताबिक भोजन वितरण न करते हुए लापरवाही बरतने वाले समूह को नोटिस जारी किया जाएगा। बच्चों के साथ भोजन वितरण में खिलवाड़ नहीं चलेगा समूह के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

आशीष पांडे, एसडीएम सिहोरा

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