द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर। सिहोरा में विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आज मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें पुराना बस स्टैण्ड में एकत्रित होकर विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा एसडीएम कार्यालय पहंुचकर जमकर नारेबाजी करते हुए नायब तहसीलदार जगभान शाह उईके को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया गया कि शासन द्वारा हाल ही में गौमांस को करमुक्त घोषित करने की अधिसूचना 18 सितंबर 2025 को जारी की हैं जिसमें गोवंशीय पशुओं का मांस ताजा, ठंडा टैक्स फ्री जारी करने का निर्णय न केवल मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के विपरीत है, बल्कि समाज में गहरी असंतोष एवं अशांति फैलाने वाला भी है। गौमांस पर करमुक्ति देना, वस्तुतः गौहत्या को प्रोत्साहन देने जैसा है एक ओर राज्य सरकार गौ संरक्षण वर्ष मना रही है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार का आदेश शासन की अपनी ही नीतियों एवं हिन्दू समाज की आस्थाओं का विरोधाभास प्रदर्शित करता है। यह कदम जनभावनाओं को गहरी ठेस पहुँचाने वाला है और सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकता है।
जिसको लेकर परिषद् द्वारा मांग की गई कि हाल ही में राजपत्र में प्रकाशित गौमांस करमुक्ति संबंधी अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए, मध्यप्रदेश गौ संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार गौमांस एवं मांस पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए, छोटे जिलों एवं तहसीलों में चल रहे अवैध कसाइखाने, जो गौवध कर बड़े शहरों में मांस सप्लाई करते हैं, उन पर कठोर कार्यवाही की जाए, राज्य एवं जिला स्तर पर कसाईखाना नियंत्रण समिति का गठन कर नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए, विभिन्न मांस बाजारों में उपलब्ध मांस का रैंडम सैंपल परीक्षण कर गौमांस की मिलावट/विक्रय पर रोक लगाई जाए ,गोमांस को खाद्य सामग्री की श्रेणी से मुक्त रखा जाय यह हिंदू समाज की आस्था है और गौमूत्र एवं गोबर से बने उत्पाद (जैसे दीपक, अगरबत्ती, जैविक खाद आदि) को करमुक्त कर गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जाए तथा किसी भी कसाईखाने या परिवहन के दौरान यदि गौमांस पाया जाता है तो उसकी जाँच उच्च-स्तरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा की जाए तथा अपराध को अत्यधिक गंभीरता से लिया जाए, साथ ही यह भी चेतावनी दी की शासन द्वारा जारी अधिसूचना तत्काल वापस नहीं ली गई तो मध्यप्रदेश में व्यापक असंतोष एवं अशांति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।









