द न्यूज 9 डेस्क।जबलपुर।सिहोरा। सिहोरा की नगर महारानी (बड़ी महाकाली) का दरबार शारदेय नवरात्र में सज गया है। श्री जागरूक युवा समिति गढ़िया मोहल्ला माता महाकाली की प्रतिमा स्थापना का 33वां वर्ष है। माता महाकाली की प्रथम स्थापना 1991 में की गई, उसी स्वरूप में माता को विराजमान किया जाता है। बड़ी महाकाली माता के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी अर्जी लगाता है, माता उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं। दशहरा चल समारोह का माता महाकाली नेतृत्व करती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पंडा स्वर्गीय नानकराम कुटार, प्रथम आचार्य पंडित भगवत प्रसाद त्रिपाठी (शास्त्री) द्वारा माता महाकाली की प्रथम झांकी स्थापित की गई, तभी से निरंतर माता एक जैसे स्वरूप में प्रतिवर्ष नवरात्र में विराज रही है। माता के दरबार में नित्य पूजन आरती दोनों समय की जाती है। जिसमें नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। आरती के बाद नगर के सभी देवताओं की जय कार से पूरा क्षेत्र गूंजने लगता है। माई के दरबार में अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी लोग आते हैं यह स्थान एक प्राचीन देवालय भी है जहां भगवान भोलेनाथ एवं हनुमान जी विराजे हैं। विशेष बात यह है कि यहां मनोकामनाओं के लिए न कोई विशेष पूजन न अनुष्ठान कुछ भी नहीं होता। किसी भी भक्तों से निश्चित राशि नहीं ली जाती। भक्तों की श्रद्धा और प्रार्थना ही पर्याप्त है। मनोकामना पूर्ण होने पर भक्तजन माता को श्रंगार, साड़ी, चूड़ी, जेवर आदि प्रसाद के रूप में अर्पण करते हैं, जो उन्हें ही वापस दे दिया जाता है केवल प्रसाद का ही वितरण सभी दर्शनार्थियों को किया जाता है।









